इक्कीसवाँ दिन

teesare va navam bhav mein - sabhi bhaavon ke kaal sarp yog ka shubhaashubh vivaran va upaay

तीसरे व नवम भाव में – सभी भावों के कालसर्प योग का शुभाशुभ विवरण व उपाय – इक्कीसवाँ दिन – Day 21 – 21 Din me kundli padhna sikhe – teesare va navam bhav mein – sabhi bhaavon ke kaal sarp yog ka shubhaashubh vivaran va upaay – Ikkeesavaan Din

तीसरे व नवम् भाव में राहु-केतु का योग शुभ होता हैं। यह प्रराक्रम, हिम्मत, शक्ति देता हैं। बङे लोगो से सम्बन्ध बनाता हैं जिनसे लाभ मिलता हैं। राजनीति में भी लाभ होता हैं। लकिन केतु नवम् भाव का होने पर जातक के मन को तंञ-मंञ में लगा देता हैं। उपाय : गरीब लोगो को शुक्रवार […]

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chauthe va dashave bhaav mein - sabhi bhaiyon ke kaal sarp yog ka shubhaashubh vivaran va upaay

चौथे व दसवें भाव में – सभी भावों के कालसर्प योग का शुभाशुभ विवरण व उपाय – इक्कीसवाँ दिन – Day 21 – 21 Din me kundli padhna sikhe – chauthe va dashave bhaav mein – sabhi bhaiyon ke kaal sarp yog ka shubhaashubh vivaran va upaay – Ikkeesavaan Din

चौथे व दशवे भाव पर यह योग बनता हैं तो माता, पेट, ससुर, वाहन, भुमि से लाभ होता हैं। लकिन अशुभ योग में माता को रोग व ससुर से अनबन होती हैं। उपाय : दुर्गा की पुजा करें और प्रतिदिन बहते हुए जल में दूध डालें या गरीबो को दूध पिलाये। चौथे व दसवें भाव

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pratham bhav - sabhee bhaavon ke kaal sarp yog ka shubh ashubh vivaran va upaay

प्रथम भाव – सभी भावों के कालसर्प योग का शुभाशुभ विवरण व उपाय – इक्कीसवाँ दिन – Day 21 – 21 Din me kundli padhna sikhe – pratham bhav – sabhee bhaavon ke kaal sarp yog ka shubh ashubh vivaran va upaay – Ikkeesavaan Din

प्रथम भाव में राहु से कालसर्प योग बनें तो शरीर, वाणी, सिर पर प्रभाव करेगा। राहु ग्रह की महादशा में ज्यादा प्रभाव होगा। शुभ योग में राज योग भी बनता हैं और अशुभ योग में शरीर रोग, कष्ट, परेशानी, तनाव व वैवाहिक जीवन में परेशानी होगी। उपाय : दुर्गा चालीसा का रोज पाठ करें और

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doosra aur aathava bhaav - sabhee bhaav ko kaal sarp yog ka shubhaashubh vivaran va upaay

दूसरा और आठवां भाव – सभी भावों के कालसर्प योग का शुभाशुभ विवरण व उपाय – इक्कीसवाँ दिन – Day 21 – 21 Din me kundli padhna sikhe – doosra aur aathava bhaav – sabhee bhaav ko kaal sarp yog ka shubhaashubh vivaran va upaay – Ikkeesavaan Din

दूसरे व आठवें भाव में राहु-केतु का योग होने पर राहु अशुभ हो तो कुटुम्ब में झगङा होगा, खर्चा होगा, स्थिर धन को नष्ट करेगा। इस योग में कुटुम्ब का कोई पुर्वज प्रेत योनि या सर्प योनि में गया होगा। उपाय : इस योग में गोमेद नग ना पहनें, शुक्रवार जण्डी के पेड़ पर जल

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rahu-ketu kab hote hain ashubh

राहु-केतु कब होते हैं अशुभ – इक्कीसवाँ दिन – Day 21 – 21 Din me kundli padhna sikhe – rahu-ketu kab hote hain ashubh – Ikkeesavaan Din

राहु-केतु को छाया ग्रह माना जाता है। इसकी कल्पना सर्प से की गई है। राहु उसका धड़ और केतु पूँछ माना जाता है। राहु केतु का अपना प्रभाव नहीं होता। ये जिस राशि में/भाव में होते हैं और जिस ग्रह के साथ बैठते हैं, उसी के अनुरूप फल को घटाते या बढ़ाते हैं। राहु :

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roothe grahon ko manane ke liye

रूठे ग्रहों को मनाने के लिए – इक्कीसवाँ दिन – Day 21 – 21 Din me kundli padhna sikhe – roothe grahon ko manane ke liye – Ikkeesavaan Din

बेवजह कुत्तों को कष्ट देने से राहु की उग्रता बढऩे लगती है। कुत्तों को भोजन कराने से कुंडली में राहु की नाराजगी कम होती है। आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से सम्पूर्ण विश्व कर्म प्रधान है। हमारे शास्त्र भी कर्म बंधन की बात करते हैं। ‘कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस कराई तो तस फलि

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kya aap hai bhagyashali

क्या आप है भाग्यशाली, जानिए कुंडली से – इक्कीसवाँ दिन – Day 21 – 21 Din me kundli padhna sikhe – kya aap hai bhagyashali, jaane kundali se – Ikkeesavaan Din

जन्मकुंडली में बीच के स्थान यानी लग्न से लेकर नौवां स्थान भाग्य का माना जाता है। यह स्थान तय करता है कि व्यक्ति का भाग्य कैसा होगा, कब चमकेगा और कब उसे प्रगति के मार्ग पर ले जाएगा। – नवम भाव का स्वामी अष्टम भाव में हो तो भाग्य भाव से द्वादश होने के कारण

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