mangal dosh vs manglik dosh

मंगल दोष व मांगलिक दोष – पहला दिन – Day 1 – 21 Din me kundli padhna sikhe – mangal dosh vs manglik dosh – Pahla Din

जन्म कुंडली बनाने के बाद ज्योतिषी और पंडित जिस चीज पर सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं वह है कुंडली में मौजुद दोष। किसी ग्रह का नीच भाव में होना या पाप ग्रहों द्वारा सीधा देखा जाना कुंडली में दोष उत्पन्न करता है। यह दोष पूर्व जन्म के भी हो सकते हैं या फिर इसी जन्म के भी। कुंडली दोषपूर्ण होने की स्थिति में जिस ग्रह को प्रभावित करती है उसके शुभ फल जातक को नहीं मिल पाते।

मांगलिक दोष : मंगल दोष को कुछ लोग मांगलिक दोष भी कहते हैं। जिन लोगों को मंगल दोष होता है उनकी शादी में बेहद परेशानियां आती हैं। इस दोष के विभिन्न शास्त्रों में मिलने वाले दुष्परिणामों और चेतावनियों की वजह से आम आदमी में इसे लेकर कई भ्रांतियां भी हैं। यहां यह बात विशेष ध्यान देने वाली है कि मांगलिक स्त्री-पुरुष से विवाह होने पर हमेशा परिणाम अशुभ नहीं होते।

कैसे कम करें मांगलिक दोष : कुछेक उपायों से मंगल दोष को कम किया जा सकता है और इन उपायों में व्यर्थ का अधिक धन व्यय करने की भी जरूरत नहीं। शास्त्रों के अनुसार मानयता है कि जन्मकुंडली के यदि मंगल मंगल ग्रह 1, 4, 7, 8 या 12 घर में बैठा हो तो जातक (स्त्री-पुरुष) मंगल दोष से युक्त समझे जाते हैं। कुछ विशेष उपाय निम्न हैं

* माना जाता है कि अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल दोष है तो उसकी शादी मांगलिक से ही करनी चाहिए।

* ऐसा संभव ना होने पर ‘पीपल’ विवाह, कुंभ विवाह, सालिगराम विवाह तथा मंगल यंत्र का पूजन आदि कराके जातक की शादी अच्छे ग्रह योगों वाले जातक से करा देनी चाहिए।

* हनुमान चालिसा का पाठ और गणेश पूजन तथा मंगल यंत्र की पूजा करनी चाहिए।

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