janma kundali mein bhav

जन्म कुंडली में भाव – पहला दिन – Day 1 – 21 Din me kundli padhna sikhe – janma kundali mein bhav – Pahla Din

जन्म कुंडली में बारह भाव होते हैं और हर भाव में एक राशि होती है। कुँडली के सभी भाव जीवन के किसी ना किसी क्षेत्र से संबंधित होते हैं। इन भावों के शास्त्रो में जो नाम दिए गए हैं वैसे ही इनका काम भी होता है। पहला भाव तन, दूसरा धन, तीसरा सहोदर, चतुर्थ मातृ, पंचम पुत्र, छठा अरि, सप्तम रिपु, आठवाँ आयु, नवम धर्म, दशम कर्म, एकादश आय तो द्वादश व्यय भाव कहलाता है़।

सभी बारह भावों को भिन्न काम मिले होते हैं। कुछ भाव अच्छे तो कुछ भाव बुरे भी होते हैं। जिस भाव में जो राशि होती है उसका स्वामी उस भाव का भावेश कहलाता है। हर भाव में भिन्न राशि आती है लेकिन हर भाव का कारक निश्चित होता है।

बुरे भाव के स्वामी अच्छे भावों से संबंध बनाए तो अशुभ होते हैं और यह शुभ भावों को खराब भी कर देते हैं। अच्छे भाव के स्वामी अच्छे भाव से संबंध बनाए तो शुभ माने जाते हैं और व्यक्ति को जीवन में बहुत कुछ देने की क्षमता रखते हैं। किसी भाव के स्वामी का अपने भाव से पीछे जाना अच्छा नहीं होता है, इससे भाव के गुणो का ह्रास होता है। भाव स्वामी का अपने भाव से आगे जाना अच्छा होता है। इससे भाव के गुणो में वृद्धि होती है।

जन्म कुंडली में भाव – janma kundali mein bhav – पहला दिन – Day 1 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Pahla Din

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