mahaavinaashakaaree hai kemdrum dosh

महाविनाशकारी है केमद्रुम दोष – तेरहवां दिन – Day 13 – 21 Din me kundli padhna sikhe – mahaavinaashakaaree hai kemdrum dosh – Terahavaan Din

यदि जन्म कुंडली में चन्द्रमा किसी भी भाव में अकेला बैठा हो, उससे आगे और पीछे के भाव में भी कोई ग्रह न हो तो केमद्रुम दोष बनता है। केमद्रुम दोष में जन्म लेने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से हमेशा परेशान होता है। उससे हमेशा एक अज्ञात भय रहता है। उसके जीवन काल में अनेक उतार-चढ़ाव आते हैं। व्यक्ति जीवन काल में उंचाईयां छूकर धरातल पर आ जाता है। सब कुछ पाने के बाद अपने ही द्वारा लिए गए निर्णयों द्वारा सब कुछ खो बैठता है। आर्थिक रूप से ऐसे व्यक्ति कमजोर ही रहते हैं। जीवन में अनेकों बार आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है।

ऐसे व्यक्ति खुद को बहुत समझदार समझते हैं। उन्हें लगता है की उनसे अधिक बुद्धिमान व्यक्ति कोई नहीं है। ऐसे व्यक्ति चिड़चिड़े और शक्की स्वभाव के होते हैं। संतान से कष्ट पाते हैं परन्तु ऐसे व्यक्ति दीर्घायु होते हैं।

कुछ विद्वानो का मत है की कुछ परिस्थितियों में केमद्रुम योग भंग या निष्क्रिय भी हो जाता है। जैसे की

1. जन्म कुंडली में केमद्रुम दोष हो परन्तु चन्द्रमा के ऊपर सभी ग्रहों की दृष्टि हो तो केमद्रुम दोष के दुष्प्रभाव निष्क्रिय हो जाते हैं।

2. यदि चन्द्रमा शुभस्थान (केंद्र या त्रिकोण) में हो तथा बुद्ध, गुरु एवं शुक्र किसी अन्य भाव में एक साथ हो तो भी केमद्रुम दोष भंग हो जाता है।

3. यदि दसवे भाव में उच्च राशि का चन्द्रमा केमद्रुम दोष बना कर बैठा हो परन्तु उस पर गुरु की दृष्टि हो तो भी केमद्रुम दोष भंग माना जायेगा।

4. यदि केंद्र में कहीं भी चन्द्रमा केमद्रुम दोष का निर्माण कर रहा हो परन्तु उस पर सप्तम भाव से बली गुरु की दृष्टि पड़ रही हो तो भी केमद्रुम दोष भंग हो जाता है।

यदि किसी भी जन्म कुंडली में केमद्रुम दोष हो एवं इसके साथ-2 अन्य राज योग भी हों तो यह दोष उन् राजयोगों के शुभ प्रभावों को भी नष्ट कर देता है। इसीलिए यदि आपकी जन्म -पत्रिका में भी केमद्रुम दोष है तो समय से इसका निदान करवा कर आप इसके दुष्प्रभावों से बच सकते हैं।

केमद्रुम दोष के दुष्प्रभावों को इन् उपायों द्वारा कम किया जा सकता है।

1. सोमवार का व्रत रखें। सोमवार को शिवलिंग पर कच्चा दूध और काले तिल मिश्रित जल का अभिषेक करें व ॐ सौं सौमाय नमः मंत्र का जाप करें।

2. सोमवार को सफ़ेद चीजों (चावल, दूध, सफ़ेद फूल, वस्त्र, कपूर, मोती रत्न) का दान किसी सुपात्र व्यक्ति को करें।

3. सर्वतोभद्र यन्त्र को अपने घर के पूजा स्थान में स्थापित करें व उसके समक्ष इस मंत्र का नित्य 1 माला जाप करें।

“दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेष जन्तोः। स्वस्थै स्मृता मति मतीव शुभाम् ददासि ।।
दारिद्र्य दुःख भय हारिणि कात्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्र चित्तः”।।

4. अपने घर में कनकधारा यन्त्र को स्थापित कर नित्य उसके आगे कनकधारा स्तोत्र का 3 बार पाठ करें।

5. दाहिने हाथ की कनिष्टिका ऊँगली में सवा सात रत्ती का मोती रत्न चांदी की अंगूठी में शुक्ल पक्ष के सोमवार को धारण करें ।

6. पूर्णिमा का व्रत रखें।

महाविनाशकारी है केमद्रुम दोष – mahaavinaashakaaree hai kemdrum dosh – तेरहवां दिन – Day 13 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Terahavaan Din

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