थोड़ी सी कसरत और मछली के तेल के नियमित सेवन से मांसपेशियों में नई ताकत लाकर बुढापे की आमद को धीमा किया जा सकता है। हाल के एक परीक्षण से पता चला है कि 65 साल से अधिक आयु की जिन महिलाओं ने हलकी कसरत के साथ मछली के तेल का सेवन किया उनकी मांसपेशियों की ताकत जैतून के तेल का सेवन करने वाली महिलाओं से दुगुनी बढी।
मस्तिष्क को बूढ़ा होने से रोकने में मदद करता है मछली का तेल –वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि मछली खाने से आपको अपने मस्तिष्क को ताकतवर रखने में मदद मिल सकती है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने पाया कि आहार में ‘ओमेगा…3 फैट्टी एसिड’ की कमी के चलते मस्तिष्क के संकुचन और मानसिक क्षय में तेजी आती है।
अलसी में ओमेगा फ़ेट्टी एसीड प्रचुरता से पाया जाता है। मछली न खाने वालों के लिये यह बेहतरीन विकल्प है। १०० ग्राम अलसी के बीज लेकर मिक्सर या ग्राईंडर में चलाकर दर दरा चूर्ण बनालें। २० ग्राम चूर्ण पानी के साथ रोज सुबह सेवन करें। लंबे समय तक जवान बने रहने का यह बहुत आसान उपाय है।
ज्यादा शकर खाने से हो सकते हैं असमय बूढ़े -त्वचा,बालों और शरीर के अन्य अंगों के तेजी से बूढ़े होने के लिए तीन प्रमुख कारण हैं|-
१) ग्लाईकेजिन
२) अघिक धुप में रहना
३) इन्फ्लेमेशन ( शोथ)
झुर्रियाँ त्वचा के ढीलेपन और उस पर गहरी लकीरें पड़ने का मुख्य कारण ग्लाईकेजिन है जो अधिक चीनी खाने से होता है| इससे कम उम्र में ही बुढापे की झलक प्रकट होने लगती है|