अगर कुण्डली में मंगल दोष का निवारण ग्रहों के मेल से नहीं होता है तो व्रत और अनुष्ठान द्वारा इसका उपचार करना चाहिए.
* मांगलिक जातक को मंगवार के दिन व्रत रखना चाहिए, इससे फायदा मिलेगा. इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें. याद रहे मंगलवार के व्रत में नमक नहीं खाते हैं . मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाकर भगवान की पूजा करें तो प्रभाव कम होगा .
* मंगला गौरी और वट सावित्री का व्रत सौभाग्य प्रदान करने वाला है. अगर जाने अनजाने मंगली कन्या का विवाह इस दोष से रहित वर से होता है तो दोष निवारण हेतु इस व्रत का अनुष्ठान करना लाभदायी होता है.
* जिस कन्या की कुण्डली में मंगल दोष होता है वह अगर विवाह से पूर्व गुप्त रूप से घट से अथवा पीपल के वृक्ष से विवाह करले फिर मंगल दोष से रहित वर से शादी करे तो दोष नहीं लगता है.
* प्राण प्रतिष्ठित विष्णु प्रतिमा से विवाह के पश्चात अगर कन्या विवाह करती है तब भी इस दोष का परिहार हो जाता है.
* मंगलवार के दिन व्रत रखकर सिन्दूर से हनुमान जी की पूजा करने एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने से मंगली दोष शांत होता है.
* कार्तिकेय जी की पूजा से भी इस दोष में लाभ मिलता है.
* इसके अलावा 28 साल की उ्रम के बाद विवाह करें. क्योंकि माना जाता है कि इस उम्र के बाद इस दोष का असर कम हो जाता है.
* महामृत्युजय मंत्र का जप सर्व बाधा का नाश करने वाला है. इस मंत्र से मंगल ग्रह की शांति करने से भी वैवाहिक जीवन में मंगल दोष का प्रभाव कम होता है.
* लाल वस्त्र में मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, मिष्टान एवं द्रव्य लपेट कर नदी में प्रवाहित करने से मंगल अमंगल दूर होता है.