revenant vaginal curse

भूत-प्रेत योनि श्राप या जीव हत्याजनित दोष – पितृदोष | Revenant vaginal curse – pitrdosh

 

विद्वानों ने अपने ग्रंथों में विभिन्न दोषों का उदाहरण दिया है और पितर दोष का संबंध बृहस्पति (गुरु) से बताया है।

अगर गुरु ग्रह पर दो बुरे ग्रहों का असर हो तथा गुरु 4-8-12वें भाव में हो या नीच राशि में हो तथा अंशों द्वारा निर्धन हो तो यह दोष पूर्ण रूप से घटता है और यह पितर दोष पिछले पूर्वज (बाप दादा परदादा) से चला आता है, जो सात पीढ़ियों तक चलता रहता है। उदाहरण हेतु इस जन्मकुंडली को देखें जिसमें पूर्ण पितर दोष है। इनका परदादा अपने पिता का एक ही लड़का था, दादा भी अपने पिता का एक ही लड़का था। इसका बाप भी अपने पिता का भी एक ही लड़का और यह अपने बाप का एक ही लड़का है और हर बाप को अपने बेटे से सुख नहीं मिला। जब औलाद की सफलता व सुपरिणाम का समय आया तो बाप चल बसा। पितर दोष के और भी दुष्परिणाम देखे गए हैं- जैसे कई असाध्य व मंभीर प्रकार की बीमारियां जैसे दमा, शुगर इत्यादि जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती हैं। पितर दोष का प्रभाव घर की स्त्रियों पर भी अधिक रहता है।

Tags: , , , , , , , , , , , , , , , , , ,

Leave a Comment

Scroll to Top