राहु की अपनी कोई राशि नही है, यह जिस ग्रह के साथ बैठता है वहां तीन कार्य करता है।
1. यह उस ग्रह की पूरी शक्ति समाप्त कर देता है।
2. यह उस ग्रह और भाव की शक्ति खुद लेलेता है।
3. यह उस भाव से सम्बन्धित फ़लों को दिलवाने के पहले बहुत ही संघर्ष करवाता है फ़िर सफ़लता देता है।
कहने का तात्पर्य है कि बडा भारी संघर्ष करने के बाद सत्ता देता है और फ़िर उसे समाप्त करवा देता है।