– लड़के व लड़की की कुंडली का लग्न एक सा नहीं होना चाहिए। उदाहरण के लिए यदि एक का लग्न मेष है तो दूसरे का लग्न भी मेष नही होना चाहिए।
– यदि दोनों का एक सा लग्न होगा तब दोनो में कमियाँ भी एक जैसी ही होगी। एक को क्रोध आएगा तो दूसरे को भी उतना ही आएगा। इससे दोनों में अकसर तनाव बने रहने की संभावना बनी रह सकती है।
– माना दोनों का अग्नितत्व लग्न है तो क्रोध की मात्रा एक सी होगी और दोनों में हर बात को लेकर जल्दबाजी रह सकती है और कई बार जल्दबाजी में लिए निर्णय गलत भी सिद्ध हो सकते हैं।
– यदि दोनो का वायुतत्व लग्न है तब दोनों में व्यवहारिकता की कमी हो सकती है। हर समय ख्यालों में ही रहना आप दोनो की आदत हो सकती है। आप हर बात के लिए अत्यधिक चिन्तन मनन करेगें और निर्णय लेने की क्षमता का अभाव रहेगा।
– यदि दोनो का जलतत्व लग्न है तब आप दोनो अत्यधिक भावुक होगे और हर बात का निर्णय दिल से लेगें। भावनाओं में बहकर लिए गए निर्णुय अकसर गलत भी हो जाते हैं।
– दोनो का पृथ्वीतत्व होने से दोनों ही ज्यादा ही व्यवहारिक होगें और हर बात को नाप तौल कर करेगें। यह इनकी एक बड़ी कमी हो सकती है। यह जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेगें अपितु कुछ ज्यादा ही सोच लेगें। इन्हें जीवन में बदलाव की बजाय ठहराव अधिक पसंद होगा और इस कारण यह आसानी से स्वयं को नए परिवेश अथवा परिस्थितियों में ढ़ाल नहीं पाएंगें।