देवगुरु बृहस्पति मनोरंजन के साधनों एवं भक्तिमय कार्यों में बढ़ोतरी करेंगे। कुछ विशेष स्थानों में मान-सम्मान की प्राप्त होगा। पैतृक संपत्ति विक्रय से लाभ का योग है। चुनाव कार्यों में विजय का संकेत बनता है। जिन लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया है उनके लिए राजकीय सेवा का योग भी बनता है। वाहन क्रय तथा विक्रय दोनों योग लाभदायक हैं। 26, 29 अशुभ कारक हैं अतः आराधना-साधना में इन तिथियों का सदुपयोग करें।
