इन्द्रजाल की पुस्तक को कभी भूखे पेट नहीं पढ़ना चाहिए. इससे व्यक्ति के मन में लोभ जाग्रत हो जाता है.
इंद्रजाल की पुस्तक को अकेले में बैठकर नहीं पढ़ना चाहिए. इससे रात्रि में बुरे स्वप्न आते हैं. जो रात्रि के समय व्यक्ति को भयभीत करते हैं.
इन्द्रजाल की पुस्तक के पेज का कोना मोड़कर नहीं रखना चाहिए. इससे जीवन में अचानक किसी बारे में समस्या उत्पन्न होती है.