कन्याओं को अधिकतम यह चिंता घर किए रहती है, कि पता नहीं ससुराल और पति कैसा मिलेगा। इसका हल पत्रिका के नवांश एवं त्रिशांश द्वारा
निकाला जा सकता है। पति के लिए ज्योतिष शास्त्र में सप्तम स्थान निर्धारित किया गया है। सप्तम स्थान में यदि शुभ ग्रह स्थापित हो या उस पर
शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो पति इच्छानुसार ही प्राप्त होता है, तथा ससुराल वाले भी सम्मान प्रदान करते हैं। इस स्थान पर गुरु, बुध, शुक्र इनमें से
कोई ग्रह हो तो विवाह उत्तम परिवार में होता है। इनकी दृष्टि भी यदि सप्तम स्थान पर पड़े तो कुलीन परिवार में कन्या विवाहित होती है। सप्तम
स्थान पर गुरू स्थित हो या उसकी दृष्टि हो तो विवाह में देरी होती है।- उत्तम विवाह के लिए गुरुवार का व्रत करें।- पुखराज धारण करें।- शिव पार्वती का पूजन करें।