know from the planet too who will be the lover?

ग्रह से भी जानें – प्रेमी कौन होगा ? – खराब ग्रह उपाय | Know from the planet too – who will be the lover? – kharab grah upaay

 

ग्रह एवं ग्रहों की स्‍थिति की युति जन्‍म लग्‍न को देखकर जान सकते हैं कि प्रेमी कौन होगा। प्रेम का ग्रह शुक्र मन का कारक चंद्र गुरु ज्ञान व पृथक कारण का कारक होता है। प्रेम से संबंध इन ग्रहों के साथ लग्‍न स्‍वयं पंच प्रेम, सप्‍तम प्रेमिका, इनका संबंध या दृष्‍टि संबंध, ग्रहों की युति आदि को जानना होगा।

मेष लग्‍न में सप्‍तमेष शु्क्र होगा, जो स्‍वत: ही प्रेम को कारक है। यदि शुक्र सप्‍तमेश में होकर चंद्र के साथ हो तो ऐसा जातक अपनी माता से स्‍नेह करने वाला होता है। उसका मन प्रेमी होता है। यदि लग्‍नेश मंगल की दृष्‍टि पड़े तो प्रेम में थोड़ा सख्‍त किस्‍म को होगा, जिसे चाहेगा, उसे दिलो जान से चाहेगा।

वृषभ लग्‍न हो व चंद्र लग्‍न में शुक्र के साथ हो तो ऐसा जातक कलाकार गायक कवि प्रेमी स्‍वभाव वाला होता है। यदि मंगल, बुध साथ हों तो प्रेम विवाह करता है। गुरु की दृष्‍टि पड़े तो प्रेम भावनात्‍मक होगा। ऐसा जातक मन से प्रेम करने वाला होता है। शुक्र, शनि साथ हों तो प्रेमी तो होगा लेकिन भोगी किस्‍म को भी होगा।

प्रेम का ग्रह शुक्र मन का कारक चंद्र गुरु ज्ञान व पृथक कारण का कारक होता है। प्रेम से संबंध इन ग्रहों के साथ लग्‍न स्‍वयं पंच प्रेम, सप्‍तम प्रेमिका, इनका संबंध या दृष्‍टि संबंध, ग्रहों की युति आदि को जानना होगा।

चंद्र, शुक्र और शनि की युति हो तो ऐसा जातक वासनात्‍मक प्रेमी होगा। चंद्र शुक्र की युति वासनात्‍मक बना देती है। शुक्र और गुरु साथ हों तो प्रेम का इजहार नहीं करते। कर्क लग्‍न में लग्‍नेश हो तो सुंदरता के साथ सेक्‍सी भी बना देती है। ऐसे व्‍यक्‍ति जरा सी भावनात्‍मक बातों से बहकाने वाले भी हो सकते हैं। शुक्र के साथ राहु, शनि हो तो कुछ संभल जाता है। राहु देखे तो अनेक संबंध हो सकते हैं।

वासना से रहित प्रेम शुक्र के निर्दोष होने पर निर्भर करता है। मीन, शुक्र लग्‍न में हो और चंद्र की युति हो तो ऐसा जातक प्रेमी होता है। उसके कई मित्र होते हैं। लग्‍न कोई भी हो, शुक्र के साथ पंचमेश व सप्‍तमेश का संबंध बनता हो तो प्रेम विवाह करता है। शुभ ग्रहों के साथ शुक्र का होना ठीक रहता है व अशुभ ग्रहों के साथ हो या शुक्र, शनि में राशि परिवर्तन हो तो उसका प्रेम प्रेम न रहकर वासनात्‍मक प्रेम होता है।

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