planetary influence in procuring children

संतान प्राप्ति में ग्रहों का प्रभाव – खराब ग्रह उपाय | Planetary influence in procuring children – kharab grah upaay

 

संतान प्राप्ति दाम्पत्य जीवन में पहला सुख होता है। नारी संतान प्राप्त करके धन्य हो जाती है। हर आँगन में बच्चों की किलकारी घर के सौंदर्य एवं खुशहाली में चार चाँद लगा देती है, परंतु कुछ दम्पति इस सुख से वंचित रहने से परेशान हो जाते हैं, कुछ हल निकाल लेते हैं। कुछ दम्पति अपने जीवन का अनमोल रत्न (संतान) प्राप्त न कर पाने से जीवन बर्बाद कर लेते हैं एवं प्राप्ति के बाद भी संतान सुखी नहीं रहती। देखें, बच्चे का सुख ग्रहों की शांति से कैसे प्राप्त होता है, क्योंकि ग्रह भी विशेष प्रभाव डालते हैं।

कुंडली में पंचम भाव संतान का होता है। देखें ग्रह वहाँ विराजमान होकर क्या असर देते हैं। यदि अशुभ असर देते हैं तो उनका उपाय निम्न प्रयोग से कीजिए।

सूर्य : पाँचवें घर में उच्च का सूर्य हो या शुभ हो तो संतान की वृद्धि करता है, परंतु अशुभ सूर्य संतान में बाधक होता है। इसके लिए हनुमानजी को चोला चढ़ाएँ, चने का भोग लगाएँ अथवा बंदरों की सेवा फल से करें।

चंद्र : संतान भाव में चंद्रमा अशुभ फल दे रहा हो तो अपने शयन कक्ष में पलंग के नीचे ताँबे की प्लेट रखें।

मंगल : यदि संतान भाव में मंगल अशुभ फल दे रहा हो या गर्भस्थ में बीच में तकलीफ आ रही हो तो मंगलवार के दिन हनुमानजी के पैर में नमक छुआकर नारी कमर में बाँध ले। अनुकूलता आएगी।

बुध : बुध पाँचवें घर में अशुभ फल दे रहा हो तो चतुर्थी के दिन चाँदी खरीदें एवं धारण करें। स्नान में कुट का प्रयोग करें।

गुरु : गुरु पाँचवें घर में संतान के लिए बाधक हो तो गुरुवार को केसर का तिलक चंदन के साथ करें एवं पीली हल्दी, पीला चंदन गुरु मंदिर में दान करें।

शुक्र : शुक्र यदि संतान भाव में स्थित होकर बाधा दे रहा हो तो सफेद कपड़ा, चंदन, इत्र, दही एवं सुगंधित सफेद फूल का दान करें।

शनि : शनि पाँचवें घर में संतान के लिए बाधक हो तो काले तिल जमीन में दबा दें एवं लोहे की कील, चाकू शनि मंदिर में दान करें।

राहु : राहु यदि पाँचवें घर में बाधक हो तो अपने पास चाँदी का चौकोर पतरा रखें एवं लोहे की अँगूठी मध्यमा में पहनें।

केतु : केतु पाँचवें घर में स्थित होकर संतान बाधक हो तो किसी कोढ़ी या गरीब व्यक्ति को कंबल दान करें एवं मंगल के दिन दोपहर में सीसे की अँगूठी गोमूत्र में धोकर धारण करें।

Tags: , , , , , , , , , , , , , , ,

Leave a Comment

Scroll to Top