दुर्गाजी सिद्ध होनी चाहिए
इसकी चार अंगुल की जड़ को गाय के घी से सिद्ध करके योनी में प्रविष्ट कराकर 108 मंत्र दुर्गा का पढ़ने से रुका हुआ मासिक या गर्भ तुरंत बाहर आ जाता है |
इसके साथ अंगुल की जड़ को 108 दुर्गा मंत्र से सिद्ध करके किसी के घर में फेंकने पर वांछित सदस्य वशीकृत हो जाता है |
अपामार्ग की जड़ को घिसकर अनार की छाल के रस में मिलाकर आज्ञाचक्र पर तिलक करने से देखने वाला वशीभूत होता है |
अपामार्ग की जड़ को घिसकर बिच्छू के काटने के स्थान पर लगाने से विष दूर हो जाता है |