किसी कि कुण्डली में मांगलिक दोष है इसकी पहचान का तरीका यह है कि जब मंगल कुण्डली में प्रथम भाव यानी लग्न में होता है तो मांगलिक कहलाता है इसी प्रकार जब मंगल लग्न से चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें स्थान पर होता है तो मांगलिक कुण्डली कहलाती है.
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मांगलिक दो प्रकार की होती हैं एक पूर्ण मांगलिक जिसे समग्र मांगलिक कहते हैं और दूसरी चन्द्र मांगलिक. चन्द्र मांगलिक की पहचान कुण्डली में चन्द्र कुण्डली चक्र से किया जाता है. चन्द्र कुण्डली में जहां चन्द्रमा होता है वह लग्न माना जाता है और वहीं से प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव का विचार करके मांगलिक दोष का निर्घारण किया जाता है.