नक्षत्र स्वामी मंगल दशम में हो तो कर्मानुसार आय का लाभ मिलता है। सप्तम में हो तो पत्नी, तृतीय हो तो साझेदारी, भाई, मित्र से लाभ मिलता है।
धनिष्ठा नक्षत्र के अंतिम दो चरणों में जन्मा जातक गू, गे नाम से जाना जा सकता है। मंगल इस नक्षत्र का स्वामी है, वहीं राशि स्वामी शनि है। मंगल का नक्षत्र होने से ऐसे जातक ऊर्जावान, तेजस्वी, पराक्रमी, परिश्रम के द्वारा सफलता पाने वाला होता है।
mithun lagna dhanishta nakshatra – मिथुन लग्न धनिष्ठा नक्षत्र – मिथुन लग्न धनिष्ठा नक्षत्र – Gemini ascendant dhanishta Star