नक्षत्र स्वामी मंगल चतुर्थ में हो तो भाइयों के सहयोग से लाभ मिलकर भूमि भवन का लाभ भी मिलता है। पंचम में हो तो स्वप्रयत्नों से विद्या लाभ मिलेगा। पत्नी गुस्सैली होगी। द्वादश में हो तो पराक्रम द्वारा विदेश या बाहर से लाभ मिलता है।
kanya lagna dhanishta nakshatra – कन्या लग्न धनिष्ठा नक्षत्र – कन्या लग्न धनिष्ठा नक्षत्र – Virgo ascendant dhanishta Star