0 डिग्री से लेकर 360 डिग्री तक सारे नक्षत्रों का नामकरण इस प्रकार किया गया है- अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती। 28वां नक्षत्र अभिजीत है।
ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातक का भविष्यफल।
नक्षत्र मंडल में ज्येष्ठा का स्थान 18वें नंबर पर है। ‘ज्येष्ठा’ का मतलब होता है ‘बड़ा’। ज्येष्ठा नक्षत्र को गंड मूल नक्षत्र भी कहा जाता है। कुछ वैदिक ज्योतिषी यह मानते हैं कि ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रबल प्रभाव में आने वाले जातक अपने आयु से पूर्व ही शारीरिक तथा मानसिक रूप से परिपक्व हो जाते हैं।
parichay jyeshtha nakshatr mein janme vyakti ka bhavishyaphal – परिचय ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का भविष्यफल – परिचय ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का भविष्यफल – About Jyeshtha born constellation person Forecast