मीन लग्न
में नक्षत्र स्वामी षष्ठ एकादश में ही शुभ फलदायी रहेगा। राशि स्वामी गुरु लग्न द्वितीय, पंचम, षष्ठ, नवम, दशम भाव में शुभ फलदायी रहेगा। इस प्रकार शनि यदि कुंडली में कारक हो तो ऐसेथिस्ट पहने व गुरु की स्थिति उत्तम हो तो पुखराज धारण करने से इसके शुभ परिणाम मिलेंगे।
meen lagna uttara bhadrapada – मीन लग्न उत्तरा भाद्रपद – मीन लग्न उत्तरा भाद्रपद – Pisces ascendant Uttara Bhadrapad