स्वप्नदोष
जानकारी :
रात के समय सोते हुए अपने आप या अश्लील स्वप्न देखते हुए वीर्य का निकल जाना ही स्वप्नदोष कहलाता है।
कारण :
फिल्मों में अश्लील दृश्यों को देखना, स्कूल कॉलजों मे लड़के- लड़कियों का खुले मे घूमना, नवयुवकों के सर में हमेशा कामवासना का ध्यान रहना, लड़कियों के बारे ज्यादा सोचना, उनके अंगों को कामुक नजरों से देखना, अधिक मैथुन करना, किसी लड़की के स्पर्श करने पर सोचना, सहवास में खोये रहना मसालेदार भोजन खाने, चाय, शराब व रात को गर्म दूध पीना ही स्वप्नदोष का कारण बनता हो सकता है।
कभी-कभी यह कारण न होकर इसका उलटा होता है। जैसे हार्मोन के बढ़ने पर वीर्य ज्यादा बनने लगते हैं। इससे शरीर में गर्मी पैदा होती है और वीर्य अपने आप रात में या जरा सी गर्मी होते ही बाहर निकल पड़ता है। इसमें रोगी का कोई दोष नहीं होता है। स्वप्नदोष अगर महीने या साल में होता है तो डरने की कोई बात नहीं मगर रोज या हफ्ते में हो तो इसका उपचार जल्द से जल्द कराना चाहिए नहीं तो रोगी नपुंसक भी बन सकता है।
लक्षण :
इस रोग से ग्रस्त रोगी का शरीर कमजोर हो जाता है। चेहरे की चमक खत्म हो जाती है। रात मे सोते समय ही वीर्य निकल जाता है। भूख की कमी, बैचेनी, बुखार, हाथ-पैरों के तलवे में जलन, वीर्य का पतला पन, आलस्य, कमर में दर्द, स्वरभंग, नजर का कमजोर होना आदि लक्षण दिखाई देने लगता है।
भोजन तथा परहेज :
शिश्न को रोज सुबह के समय 10 मिनट तक ठंड़े पानी की धार से धोयें। मानसिक शान्ति तथा सुबह-शाम टहलना भी जरूरी है। रोज व्यायाम करें तथा त्रिफला चूर्ण एक चम्मच गर्म पानी से खाना खाने के बाद लें।
गर्म पदार्थ, रात को सोने से पूर्व गर्म दूध, गुड़, सिगरेट, शराब आदि का सेवन न करें और पेट में कब्ज न बनने दें।
चिकित्सा :
1. मुलहठी :
मुलहठी के चूर्ण को मक्खन और शहद के साथ मिलाकर खाने से लाभ होता है।
मुलहठी के चूर्ण में 2 ग्राम की मात्रा में शहद और घी मिलाकर खाने से स्वप्नदोष की बीमारी खत्म हो जाती है।
2. बबूल :
बबूल की गोंद 10 ग्राम मात्रा में रात को 100 मिलीलीटर पानी में डालकर रख दें। सुबह उठने पर गोंद को थोड़ा-सा मसलकर पानी में छानकर मिश्री मिलाकर पीने से स्वप्नदोष में बहुत लाभ होता है।
बबूल की फली का चूर्ण 3 से 6 ग्राम चीनी में मिलाकर सुबह-शाम खाने से लाभ मिलता है।
3. चोपचीनी : चोपचीनी का पिसा हुआ चूर्ण 10 ग्राम, मिश्री 10 ग्राम और घी 10 ग्राम मिलाकर 7 दिनों तक खाने से स्वप्नदोष खत्म होता है।
4. बादाम :
बादाम के एक बीज की गिरी, 3 ग्राम मिसरी, 3 ग्राम घी और 3 ग्राम गिलोय का चूर्ण इन सबको 6 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद में मिलाकर 7 दिनों तक दिन मे सुबह-शाम खाने से स्वप्नदोष खत्म होता है।
बादाम और काली मिर्च की फीकी शर्बत पीने से भी स्वप्नदोष में लाभ होता है।
5. त्रिफला :
त्रिफले का चूर्ण और शहद दोनों को मिलाकर खाने से स्वप्नदोष में बहुत लाभ होता है।
त्रिफला का चूर्ण 4-6 ग्राम की मात्रा में रात को सोने से पहले दूध के साथ खाने से स्वप्नदोष दूर हो जाता है।
त्रिफला 12 ग्राम, गुड़ 24 ग्राम, वच और भीमसेनी कर्पूर 3-3 ग्राम की मात्रा में लेकर सबको पानी के साथ मिलाकर छोटी-छोटी एक समान गोली बना लें, 1 से 2 गोलीयों को सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से स्वप्नदोष व शीघ्रपतन दूर हो जायेगा।
6. आंवला : आंवले का चूर्ण 6 ग्राम और मिसरी का चूर्ण 6 ग्राम मिलाकर रोज खाने से कुछ हफ्ते में स्वप्नदोष खत्म होता है।
7. शतावर :
शतावर, मूसली, विदारीकन्द, असगंध, गोखरू या इलायची के बीज इनमें से 2-3 वनौशधि को बराबर मात्रा में लेकर कूटकर पीसकर रख लें, और मिश्री को मिलाकर 3 ग्राम पानी के साथ पीने से लाभ होता है।
शतावरी, असगंध, विधारा 20-20 ग्राम कूटकर छानकर रख लें, इसमें 60 ग्राम खांड़ मिलाकर 10-20 ग्राम की मात्रा में दिन सुबह-शाम दूध के साथ लें।
शतावर के रस को शहद मे मिलाकर पीने सुबह-शाम से स्वप्नदोष दूर होता है।
8. हरड़ :
हरड़ का चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में शहद 10 ग्राम में लेकर में मिलाकर रोज खायें इससे कुछ दिनों में स्वप्नदोष का रोग खत्म हो जाता है।
हरड़ का मुरब्बा खाकर हल्का गर्म दूध पीने से कब्ज दूर होती है।
9. खादिर (कत्था) : खादिर (कत्था) सार 1 ग्राम, ठंड़े पानी के साथ खाने से स्वप्नदोष खत्म होता है।
10. गिलोय : गिलोय, गोक्षुर और आंवला तीनों को बराबर मात्रा में कूट पीसकर 1 चम्मच चूर्ण को खाकर पानी को पीने से स्वप्नदोष खत्म होता है।
11. गुलाब :
गुलाब के फूल और छोटी दूधी का चूर्ण बराबर मिश्री मिलाकर पानी के साथ खाने से स्वप्नदोष के दोष को खत्म करता है।
गुलाब के 4-5 फूल तोड़कर उन्हे साफ पानी से धोयें और पंखुड़ियां अलग करके उनमें उतनी ही मिश्री का चूर्ण मिला कर सुबह-शाम खाकर और ऊपर से गुनगुना दूध पी लें। इसका प्रयोग कुछ दिनों तक कर सकते हैं।
गुलाब का शर्बत पीने से भी स्वप्नदोष पर लाभ मिलता है।
12. गुलकन्द : गुलकन्द 5-10 ग्राम की मात्रा मे रोजाना सुबह-शाम मिश्री मिले दूध के साथ खाने से लाभ मिलता है।
13. बड़ी गोक्षुर : बड़े गोक्षुर के चूर्ण में घी मिलाकर रोज खाने से स्वप्नदोष दूर होता है।
14. गोक्षुर : गोक्षुर, आंवला और हरड़ का चूर्ण मिश्री के साथ खाने से स्वप्नदोष का रोग दूर होता है।
15. धनिया :
2 ग्राम धनिये को पीसकर उसमें 3 ग्राम मिश्री का चूर्ण मिलाकर कुछ दिनों तक पानी के साथ पीने से स्वप्नदोष का रोग खत्म होता है।
सूखे धनिये तथा मिश्री को बराबर मात्रा में कूटकर चूर्ण बना लें और किसी ढक्कनदार बर्तन में भरकर रख दें। इस चूर्ण में से 5-6 ग्राम के लगभग, ताजा जल के साथ सुबह-शाम कुछ दिनों तक लेने से अनैच्छिक वीर्यपात, स्वप्दोष आदि विकारों से मुक्ति मिल जाती है।
सूखा धनिया कूट, पीसकर छान लें। इसमें बराबर मात्रा में पिसी हुई चीनी मिला लें। सुबह खाली पेट बासी पानी से 1 चम्मच की फंकी लें और 1 घण्टे तक कुछ न खायें, पीयें। इसी तरह 1-1 खुराक शाम को 5 बजे सुबह के पानी के साथ लें। अगर कब्ज हो तो रात को सोने के समय 2 चम्मच ईसबगोल की भूसी गरम दूध से लें। इससे स्वप्नदोष की बीमारी दूर हो जाती है।
धनियां, नीलोफर, कुर्फा के बीज, काहू के बीज,कासनी के बीज और शीतलचीनी 20-20 ग्राम, अलसी के दाने 100 ग्राम और ईसबगोल 25 ग्राम की मात्रा में सबको कूट कर छान लें। फिर इस चूर्ण से 2-3 ग्राम की मात्रा मे लेकर बराबर भाग में मिश्री को मिलाकर पानी के साथ सुबह-शाम लें।
16. जामुन :
4 जामुन की गुठली का चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ खाने से स्वप्नदोष ठीक हो जाता है।
जामुन की गुठलियों का चूर्ण बनाकर 3 ग्राम चूर्ण रोज सुबह-शाम पानी के साथ खाने से स्वप्नदोष की बीमारी दूर होती है।
17. केला :
रोज 2 केले काटकर थोड़ा सा शहद मिलाकर खाने से स्वप्नदोष में लाभ मिलता है।
2 केले खाकर ऊपर से 250 मिलीलीटर दूध पीयें यह 3 महीने तक करते रहने से शीघ्रपतन में लाभ होगा।
18. नकछिकनी : नकछिकनी, सौंठ, बायबिण्डग 10-10 ग्राम कूट छानकर उसमें 30 ग्राम खांड़ को मिलाकर 5 ग्राम की मात्रा को खुराक के रूप में सुबह खाली पेट कच्चे दूध के साथ खाने से लाभ होता है।
19. तुलसी :
तुलसी के बीज को सुबह-शाम पानी से लाभ होता है। ध्यान रहें कि रात को गरम दूध न पीयें।
तुलसी की जड़ का काढ़ा 4-5 चम्मच की मात्रा में सोने से पहले नियमित रूप से कुछ हफ्ते तक पीना चाहिए। इससे स्वप्नदोष से छुटकारा मिल जाता है।
20. असगंध : असगंध, विदारीकन्द 25-25 ग्राम कूटकर छान लें और 50 ग्राम खांड मिलाकर 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम पानी से सेवन करने से स्वप्नदोष में आराम मिलता है।
21. असरोल : असरोल, धनियां 10-10 ग्राम पीसकर 1 ग्राम सोते समय रात को पानी के साथ सेवन करें।
22. अजवायन : खुरासानी अजवायन के साथ लगभग आधे ग्राम कपूर की गोली मिलाकर रात को सोने से पहले खाने से स्वप्नदोष में लाभ होता है।
23. बड़ी गोखरू :
बड़ी गोखरू की फांट या घोल को सुबह-शाम प्रयोग करने से स्वप्नदोष में लाभ होता है।
बड़ी गोखरू के फल का 25 ग्राम चूर्ण 250 मिलीलीटर उबलते पानी में डालकर छोड़ दें। 1 घंटे बाद छान लें। इसमें से थोड़ा-सा बार-बार पिलाने से स्वप्नदोष दूर होता है।
शक्कर और घी बड़ी गोखरू के साथ खायें और ऊपर से दूध पी लें इससे भी स्वप्नदोष में लाभ होता है।
24. समुद्रशोष : 3 से 6 ग्राम समुद्रशोष के बीजों को पानी में भिगों कर उससे बने लुआवदार घोल में मिश्री मिलाकर सुबह शाम सेवन करने से वीर्य का स्तम्भन होता है।
25. कपूर :
लगभग एक ग्राम के चौथे भाग कपूर की गोली खुरासानी अजवायन के साथ सोने से पहले रोज रात में खाने से स्वप्नदोष में जरूर लाभ होगा।
लगभग एक ग्राम का चौथा भाग कपूर और एक चम्मच चीनी दोनों पीसकर रोज सोते हुए फंकी लेने से स्वप्नदोष होना बन्द हो जाता है।
26. लहसुन : रात को सोने से पहले हाथ, पैर और मुंह को धोकर पोछ लें फिर लहसुन की 1 कली मुंह में चबा-चबाकर खाने से स्वप्नदोष के रोग में लाभ मिलता है।
27. प्याज : 10 मिलीलीटर सफेद प्याज का रस, 8 मिलीलीटर अदरक का रस, शहद 5 ग्राम और घी 3 ग्राम मिलाकर रात को सोने से पहले पिलाने से स्वप्नदोष नहीं होता है।
28. पीपलामूल : पीपलामूल 30 ग्राम और गुड़ 40 ग्राम को मिलाकर 1-1 ग्राम की गोली बनाकर सेवन करने से स्वप्नदोष नहीं होता है और नीन्द अच्छी आती है।
29. अमरबेल : अमरबेल का रस मिश्री मिलाकर पीने से स्वप्नदोष में फायदा होता है।
30. फिटकरी : फिटकरी की 50 ग्राम चिकनी-सी डली रात में सोने से पहले पेडु यानी नाभि पर रख लें इससे रात में स्वप्नदोष नहीं होगा।
31. छिरेंहटी :
छिरेंहटी के सूखे पत्ते 50 ग्राम, हरड़, बहेड़ा और आमला 20-20 ग्राम, बबूल का गोंद 25 ग्राम और कतीरा गोंद 10 ग्राम। सबको कूट छान कर छिरेंहटा के ही रस में खरल करके, बारीक चूर्ण के रूप में ही शीशी में भर कर रखें। 5-6 ग्राम यह चूर्ण ताजा पानी के साथ सुबह-शाम खाने से स्वप्नदोष और वीर्य की कमी को दूर होती है।
छिरेंहटी के सूखे पत्ते 200 ग्राम तथा गाय के घी के साथ भूनी हुई छोटी हरड़ 50 ग्राम को पीस-छान कर दोनों के बराबर मिश्री मिला ले और 10-15 ग्राम की मात्रा में लेकर सुबह-शाम गाय के दूध के साथ सेवन करें इससे स्वप्नदोष मे लाभ होता है।
छिरेंहटी का पंचांग (जड़, तना, फल, फूल, पत्ती) सूखे हुए 50 ग्राम, सूखी हुई दुर्बा 25 ग्राम, छोटी इलायची के बीज और कतीरा गोंद 12-12 ग्राम तथा मिश्री 100 ग्राम आदि को एक साथ लेकर अच्छी तरह से कूट लें। फिर इस बने चूर्ण को 10-12 ग्राम सुबह-शाम गाय के गर्म दूध के साथ खायें। इससे प्रमेहजन्य (वीर्य विकार से उत्पन्न रोग) अनेक उपसर्ग दूर होते हैं। वीर्य का पतलापन और स्वप्नदोष दूर होता है।
छिरेंहटी के हरे पत्ते 10-12 ग्राम और 5-6 काली मिर्च लेकर बारीक पीस लें। चाहे तो बादाम की छिली हुई मींगियां और सौंफ भी मिला सकते है। रोज कुछ दिनों तक खाने से लाभ मिलता है।
छिरेंहटी का रस और गिलोय का रस बराबर भाग लेकर उसके साथ शहद मिला लें और खायें इससे शीघ्रपतन और स्वप्नदोष में लाभ मिलता है।
छिरेंहटी को आमले के रस में खरल करके मिश्री या शहद के साथ मिलाकर 15-20 ग्राम की मात्रा में लेकर स्वप्नदोष के रोगी को खिलायें।
छिरेंहटी छाया में सुखा कर चूर्ण कर लें और कतीरा के गोद में 12 घंटे डुबोकर 1 ग्राम की गोली बनाकर 12 घंटे छाया में सुखा लें। 1 से 2 गोली को खुराक के रूप में ताजा पानी के साथ, सुबह-शाम खाने से लाभ मिलेगा।
32. वंशलोचन :
वंशलोचन का चूर्ण बनाकर 1-2 ग्राम को सुबह-शाम गाय के दूध के साथ 40 दिनों तक खाने से लाभ मिलता है।
वंशलोचन, शुद्ध शिलाजीत छोटी इलायची, सफेद मिर्च, मस्तंगी, शीतलचीनी, कुन्दरू, राल और हल्दी 10-10 ग्राम लेकर, चंदन के तेल के साथ कूट लें और मटर के बराबर गोली बना कर रोज 1-2 गोली ताजा पानी के साथ सुबह-शाम खाने से स्वप्नदोष मिट जाता है। साथ ही पेशाब के संग आने वाला घात, पेशाब की रुकावट आदि भी दूर होती है।
वंशलोचन और शिलाजीत 40-40 ग्राम लेकर पीसकर रखें, फिर इसमें 10 ग्राम सत गिलोय को मिलाकर 1-2 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ रोगी को सुबह-शाम सेवन करके ऊपर से मिश्री मिलाकर दूध पिलाने से स्वप्नदोष में आराम मिलता है।
33. रूमीमस्तगी : रूमी मस्तगी को घी के साथ भून लें। 1 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह-शाम लेने से पित्तज स्वप्नदोष दूर होता है।
34. कतीरा : कतीरा गोंद खाने से भी स्वप्नदोष में लाभ मिलता है।
35. ढाक : ढाक के फूल, बबूल के फूल, लाजवन्ती के फूल, कबाब चीनी और धनिया बराबर भाग लेकर ठंड़े ताजा पानी के साथ सिल पर, मिश्री मिलाकर घोंटकर शर्बत बना कर स्वप्नदोष से पीड़ित रोगी को सेवन करायें।
36. इमली : इमली के थोड़े-से बींजो को दूध में भिगोकर छिलका उतार लें। फिर उसमें उतनी ही मात्रा में मिश्री को मिलाकार पीसकर चटनी बनाकर 1 चम्मच चटनी को खुराक के रूप में रोज 20 दिन तक दूध के साथ स्वप्नदोष में रोगी को प्रयोग कराने से लाभ होता है।
37. आंवला :
एक मुरब्बे का आंवला रोजाना खाने से स्वप्न दोष में लाभ होता है।
कांच के गिलास में सूखे आंवले को पीसकर 20 ग्राम की मात्रा में डालें। इसमें 60 मिलीलीटर पानी भरें और फिर 12 घंटे भीगने दें। फिर छान कर इस पानी में एक ग्राम पिसी हुई हल्दी डालकर पीने से युवकों के स्वप्नदोष के रोग में अच्छी औषधि है।
38. ईसबगोल : ईसबगोल और मिश्री मिलाकर 1-1 चम्मच एक कप दूध के साथ सोने से 1 घंटा पहले लें और सोने से पहले पेशाब करके सोने से स्वप्नदोष में आराम मिलता है।
39. कलौंजी : एक कप सेब के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह, शाम खाली पेट और रात में खाने के बाद सोते समय सेवन करना चाहियें रोज कलौंजी के तेल की चार बूंद एक चम्मच नारियल तेल में मिलाकर सोते समय सिर में लगाना चाहिए इस प्रकार 21 दिन तक प्रयोग करने से स्वप्नदोष में लाभ होगा इस रोग मे यह लेते समय नींबू का सेवन न करें।
40. इलायची : आंवले के रस में इलायची के दाने और ईसबगोल को बराबर मात्रा में मिलाकर 1-1 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से स्वप्नदोष में लाभ होता है।
41. गोखरू : 1 चम्मच की मात्रा में गोखरू के फल का चूर्ण, थोड़ा सा घी और मिश्री मिलाकर 1 हफ्ते तक रोजाना सुबह-शाम लेने से स्वप्नदोष के रोग में लाभ होता है।
42. अनार :
अनार का पिसा हुआ छिलका पांच-पांच ग्राम सुबह-शाम पानी से लें।
अनार के छिलकों को छाया में सुखाकर कूट लें। चूर्ण बनाकर रखें। रोज 3 ग्राम चूर्ण पानी के साथ सुबह-शाम खाने से स्वप्नदोष में लाभ होता है।
43. अपामार्ग : अपामार्ग की जड़ का चूर्ण और मिश्री दोनों को बराबर की मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर रख लें। एक चम्मच दिन में 3 बार 1 से 2 हफ्ते तक सेवन करने से स्वप्नदोष में आराम मिलता है।
44. अशोक : स्त्रियों के स्वप्नदोष में 20 ग्राम अशोक की छाल, कूटकर 250 मिलीलीटर पानी में पकाएं, 30 मिलीलीटर शेष रहने पर इसमें 6 ग्राम शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
45. अनार : अनार के सूखे पीसे हुए छिलके की 1 चम्मच रात को सोने से पहले ठंड़े पानी के साथ फंकी के रूप में लेने से सोते समय पुरुष के शिशन से धातु के आने में लाभ मिलता है।