guda me cancer hona

गुदा में कैंसर होना – पुरुष रोग का होम्योपैथी उपचार – guda me cancer hona – purush rog ka homeopathy se upchar

गुदा में कैंसर होना
विभिन्न औषधियों से चिकित्सा :-

1. रूटा :-

गुदा कैंसर रोग को ठीक करने के लिए रूटा औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग करना अधिक लाभकारी है।
इस रोग से पीड़ित रोगी जब मलत्याग करने जाता है तो उसके गुदा में दर्द होता है, मल कठिनाई से निकलता है, केवल कूंथने से ही मल बाहर निकलता है। रोगी को कब्ज की समस्या होती है इसके बाद श्लेष्मा-युक्त फेनीला मल अदल-बदलकर होता रहता है। अंतड़ियों के कई भाग में कैंसर हो जाता है। इस प्रकार के लक्षण होने पर रोग को ठीक करने के लिए रूटा औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग करने से लाभ मिलेगा।
यदि किसी स्त्री के प्रसव होने के बाद हर बार मलत्याग करने से गुदा-भ्रंश हो जाए तथा जब वह झुके तो उसका गुदा बाहर निकल आए। ऐसे रोगी के इस रोग को ठीक करने के लिए रूटा औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग करना उचित है।

2. हाइड्रैस्टिस :-

गदा के कैंसर रोग से पीड़ित रोगी के गुदा में जब दर्द होता है तब ऐसी स्थिति में हाइड्रैस्टिस औषधि का प्रयोग करें तो लाभ मिलेगा। इसका श्लैष्मिक-झिल्लियों पर विशेष प्रभाव होता है। गुदा में भी श्लैष्मिक झिल्ली होती है इसलिए गुदा के कैंसर रोग को ठीक करने के लिए हाइड्रैस्टिस औषधि की मूल-अर्क या 30 शक्ति का उपयोग करना अधिक फायदेमंद है।
रोगी के गुदा की झिल्लियों में शिथिलता आ जाती है इसलिए उनमें से गाढ़ा, पीला, सूत-सा स्राव होता है। इस प्रकार का खून का स्राव कई जगह से भी हो सकता है जैसे-पेट, गर्भाशय, मूत्र-मार्ग, गुदा तथा गला आदि। इस प्रकार का स्राव होने पर हाइड्रैस्टिस औषधि की मूल-अर्क या 30 शक्ति का उपयोग करना चाहिए।

3. ऐलूमिना :-

ऐलूमिना औषधि गुदा के कैंसर रोग को ठीक करने के लिए अधिक उपयोगी है। इस रोग से पीड़ित रोगी जब मलत्याग करता है तो उसे जोर लगाना पड़ता है, चाहे मल मुलायम हो तब भी जोर लगाना पड़ता है। इस प्रकार के लक्षण रोगी में हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए इस औषधि की 6 या 30 शक्ति से उपचार करना उचित होता है।
इस रोग से पीड़ित रोगी में इस प्रकार के लक्षण हों जैसे- मल सूख, गांठदार, कड़ा होना, मल-द्वार में दर्द होना, मलद्वार के मुंह पर जलन होना, मलत्याग करने से बहुत पहले ही दर्द के साथ मलद्वार पर दबाव होने लगता और जब रोगी मलत्याग करने के लिए बैठता है तब उसे कूंथना पड़ता है, मलत्याग करने के लिए जोर लगाना पड़ता है। इस प्रकार के लक्षण होने पर रोग को ठीक करने के लिए ऐलूमिना औषधि की 6 से 30 शक्ति का प्रयोग करना उचित है।

4. नाइट्रिक ऐसिड :- गुदा में कैंसर रोग से पीड़ित रोगी का उपचार ऐलूमिना औषधि से करने पर लाभ न हो तथा गुदा में ऐसा दर्द हो रहा हो कि मानों वहा का अंग कटा हुआ है और गुदा में दरारें पड़ गई हो तो इस आवस्था में उपचार करने के लिए नाइट्रिक ऐसिड औषधि की 6 नाइट्रिक ऐसिड औषधि का उपयोग करना फायदेमंद होता है।

5. स्किराइनम :- गुदा के कैंसर रोग को ठीक करने के लिए नाइट्रिक ऐसिड, ऐलूमिना, हाइड्रैस्टिस या रूटा औषधि का प्रयोग करने पर लाभ न हो तो इनके प्रयोग करने के बीच में स्किराइनम औषधि की एक मात्रा का सेवन 10 से 15 दिन में एक बार करने से लाभ मिलता है। उपचार करने के लिए इस औषधि की 200 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए। यह औषधि कैंसर रोग का नोसोड है। जिन रोगियों में कैंसर होने के लक्षण होते हैं उनके लिए यह औषधि और भी लाभकारी है।

6. सैंग्विनेरिया :- गुदा के कैंसर रोग को ठीक के लिए सैंग्विनेरिया औषधि के मूल-अर्क या 6 शक्ति का उपयोग करना अधिक लाभदायक है।

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