पलकों का सिकुड़ना
जानकारी :
इस रोग में आंखों की पलकें सिकुडने लगती हैं जिसके कारण बहुत अधिक परेशानी होती है।
पलकों के सिकुड़ने पर विभिन्न औषधियों से उपचार:-
1. आर्जेण्ट-नाई:- यदि पलकें अकड़कर बाहर की ओर सिकुड गई हो या पलकें फूल गई हो या आंखों से पीब निकल रहा हो तो आर्जेण्टे-नाई औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
2. नाइट्रिक-एसिड:- गर्मी से पैदा हुए आंखों के रोग तथा पलकों का सिकुड़न आदि लक्षणों में नाइट्रिक-एसिड औषधि की 6 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
3. हैमामेलिस:- पलकें सिकुड़ रही हो तो हैमामेलिस औषधि की 10 बूंदे गुनगुने पानी के साथ उपयोग करने से लाभ होता है।
4. कैल्केरिया-कार्ब:- पलकें ऐंठकर अन्दर की ओर सिकुड़ गई हो तो कैल्केरिया-कार्ब औषधि की 6 शक्ति मात्रा का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
5. बोरैक्स:- पलकें ऐंठकर अन्दर की ओर सिकुड़ गई हो तो बोरैक्स औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का प्रयोग लाभदायक है।
6. लाइकोपोडियम:- यदि पलकें में ऐंठन के साथ अन्दर की ओर सिकुड़न में लाइकोपोडियम औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करने से लाभ मिलता है।
7. सल्फर:- अगर पलकें ऐंठकर अन्दर की ओर सिकुड़ गई हो तो सल्फर औषधि की 30 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
8. मर्क्यूरिस:- रोगी की पलकें ऐंठकर अन्दर की ओर सिकुड़ जाने के लक्षणों में मर्क्यूरिस औषधि की 3 शक्ति की मात्रा का प्रयोग करना लाभकारी है।
9. नक्स-वोम:- स्नायविक कमजोरी होने के कारण या पाकाशय की गड़बड़ी होने के कारण अक्सर पलकें सिकुड़ने लगती हैं। ऐसे लक्षण को ठीक करने के लिए चश्मा लगना चाहिए और नक्स-वोम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
10. पल्स:- स्नायविक कमजोरी या पाकाशय की गड़बड़ी से पलकें सिकुड़ गई हो तो ऐसे लक्षणों को ठीक करने के लिए पल्स औषधि का उपयोग करना चाहिए।
11. लाइको:- स्नायविक कमजोरी होने के कारण या पाकाशय की गड़बड़ी होने के कारण अक्सर पलकें सिकुड़ने लगती हैं। इस प्रकार के लक्षणों को ठीक करने के लिए लाइको औषधि का सेवन करना चाहिए।