अश्लेषा नक्षत्र पूजा विधि

अश्लेषा नक्षत्र पूजा विधि

अश्लेषा नक्षत्र पूजा विधि – Ashlesha nakshatra puja vidhi

अश्लेषा नक्षत्र पूजा विधि : अश्लेषा जातक हमेशा कार्य की सेवा करते हैं। भाई की सेवा और काम करना स्वाभाविक है। स्वतंत्र होने पर वे परोपकारी होते हैं। Lal Kitab in Hindi अश्लेषा नक्षत्र की गुणवत्ता और प्रकृति अश्लेषा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों के प्राकृतिक गुण सांसारिक उन्नति, लज्जा और सौंदर्य के प्रयास […]

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aashlesha nakshatr ke jaatak

आश्लेषा नक्षत्र के जातक – जन्म नक्षत्र का व्यक्तित्व पर प्रभाव – Ashlesha constellation of native – aashlesha nakshatr ke jaatak

नक्षत्रों की गणना के क्रम में आश्लेषा नक्षत्र नवम स्थान पर आता है। यह नक्षत्र कर्क राशि के अन्तर्गत आता है। इस नक्षत्र का स्वामी बुध होता है। इस नक्षत्र को अशुभ नक्षत्र की श्रेणी में रखा गया है क्योंकि यह गण्डमूल नक्षत्र के अन्तर्गत आता है। इस नक्षत्र में पैदा लेने वाले व्यक्ति गण्डमूल

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mool nakshatr havan saamagree

हवन सामग्री – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – incense burner – mool nakshatr havan saamagree

चावल एक भाग,घी दो भाग बूरा दो भाग, जौ तीन भाग, तिल चार भाग,इसके अतिरिक्त मेवा अष्टगंध इन्द्र जौ,भोजपत्र मधु कपूर आदि। एक लाख मंत्र के एक सेर हवन सामग्री की जरूरत होती है,यदि कम मात्रा में जपना हो तो कम मात्रा में प्रयोग करना चाहिये। mool nakshatr havan saamagree – मूल नक्षत्र हवन सामग्री

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ashlesha nakshatra samsya

अश्लेशा नक्षत्र – नक्षत्र के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें – Aslesha Star – ashlesha nakshatra samsya

अश्लेशा नक्षत्र के देवता बुध को माना जाता है,जबकि वैज्ञानिक ष्टिकोण से नागकेशर के पेड़ को अश्लेशा नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और अश्लेशा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग नागकेशर की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में नागकेशर के पेड को लगाते है,

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mool shaanti kee saamagree

मूल शांति की सामग्री – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Original peace Materials – mool shaanti kee saamagree

घडा एक,करवा एक,सरवा एक,पांच प्रकार के रंग,नारियल एक,५०सुपारी,दूब,कुशा,बतासे,इन्द्र जौ,भोजपत्र,धूप,कपूर आटा चावल २ गमछे, दो गज लाल कपडा चंदोवे के लिये, मेवा ५० ग्राम, पेडा ५० ग्राम, बूरा ५० ग्राम,केला चार,माला दो,२७ खेडों की लकडी, २७ वृक्षों के अलग अलग पत्ते,२७ कुंओ का पानी,गंगाजल यमुना जल,हरनन्द का जल,समुद्र का जल अथवा समुद्र फ़ेन,आम के पत्ते,पांच रत्न,पंच

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mool shaanti ke upaay

मूल शांति के उपाय – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Measure the original peace – mool shaanti ke upaay

ज्येष्ठा मूल या अश्विनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक के लिये नीचे लिखे मंत्रों का जाप २८००० जाप करवाने चाहिये,और २८वें दिन जब वही नक्षत्र आये तो मूल शान्ति का प्रयोजन करना चाहिये,जिस मन्त्र का जाप किया जावे उसका दशांश हवन करवाना चाहिये,और २८ ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिये,बिना मूल शांति करवाये मूल नक्षत्रों

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Gandmool dosh nivaran puja

गंड मूल दोष निवारण पूजा – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Malar original defect prevention worship – Gandmool dosh nivaran puja

किसी कुंडली में उपस्थित भिन्न भिन्न प्रकार के दोषों के निवारण के लिए की जाने वाली पूजाओं को लेकर बहुत सी भ्रांतियां तथा अनिश्चितताएं बनीं हुईं हैं तथा एक आम जातक के लिए यह निर्णय लेना बहुत कठिन हो जाता है कि किसी दोष विशेष के लिए की जाने वाली पूजा की विधि क्या होनी

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