पितृ दोष का उपाय

father's shraddha karma

पितरों का श्राद्ध कर्म – पितृदोष | Father’s Shraddha Karma – pitrdosh

  हिन्दू धर्म शास्त्र में कहा गया भी गया है कि जो मनुष्य श्राद्ध करता है वह पित्तरों के आशीर्वाद से आयु, पुत्र, यश, बल, वैभव, सुख तथा धन-धान्य प्राप्त करता है। इसीलिये हिन्दू लोग अश्विन माह के कृष्ण पक्ष में प्रतिदिन नियमपूर्वक स्नान करके पित्तरों का तर्पण करते है तथा जो दिन उनके पिता […]

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ghost factor

भूत-प्रेत के कारक – पितृदोष | Ghost factor – pitrdosh

  भूत-प्रेत कारक ग्रह राहु से अधिक संबंध रखता है। चौथे स्थान में राहु, दसवें स्थान में शनि-मंगल हो तो उसके निवास स्थान में प्रेत का वास रहता है। इसके कारण धन हानि, संतान हानि, स्त्री को कष्ट इत्यादि होता है। अगर दूसरे, चौथे, पंचम, छठे, सातवें, द्वादश रवि के साथ राहु या गुरु के

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pitru paksha is of great importance in hindu religion culture

पितृ पक्ष का हिन्दू धर्म/संस्कृति में बड़ा महत्व – पितृदोष | Pitru Paksha is of great importance in Hindu religion / culture – pitrdosh

  पितृ पक्ष का हिन्दू धर्म तथा हिन्दू संस्कृति में बड़ा महत्व है। श्रद्धापूर्वक पित्तरों के लिये किया गया कर्म श्राद्ध कहलाता है, जो पित्तरों के नाम पर श्राद्ध तथा पिण्डदान नहीं करता है वह हिन्दू नहीं माना जा सकता है। हिन्दूशास्त्रों के अनुसार मृत्यु होने पर जीवात्मा चन्द्रलोक की तरफ जाती है तथा ऊँची

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fear of ghosts etc.

पितृदोष के कारण भूत-प्रेत आदि का भय – पितृदोष | Fear of ghosts etc. – pitrdosh

  जिसके यहां खून के रिश्ते में कोई पानी में डूब गया हो या अग्नि द्वारा जल गया हो या शस्त्र द्वारा मौत हो गई हो या कोई औरत तड़प-तड़प कर मर गई हो या मारी गई हो, उनको प्रेत-दोष भुगतना पड़ता है और कई बार तो बाहरी भूत प्रेतों का भी असर हो जाता

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pitras have supernatural powers

पित्तरों के पास आलौकिक शक्तियां होती है – पितृदोष | Pitras have supernatural powers – pitrdosh

  समान्यतः इन पित्तरों के पास आलौकिक शक्तियां होती है तथा यह अपने परिजनों एवं वंशजों की सफलता सुख समृद्धि के लिये चिन्तित रहते है जब इनके प्रति श्रद्धा तथा धार्मिक कर्म नहीं किये जाते है तो यह निर्बलता का अनुभव करते है तथा चाहकर भी अपने परिवार की सहायता नहीं कर पाते है तथा

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what is dev dosh?

देव दोष क्या? – पितृदोष | What is Dev Dosh? – pitrdosh

  देव दोष ऐसे दोषों को कहते हैं जो पिछले पूर्वजों, बुजुर्गो से चलें आ रहे हैं, जिसका देवताओं से संबंध होता है। गुरु और पुरोहित तथा ब्राहमण विद्वान पुरुषों को इनके पिछले पूर्वज मानते चले आते थे। इन्होंने उनको मानना छोड़ दिया अथवा वह पीपल जिस पर यह रहते थे, को काट दिया तो

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blemish

दोष जो पित्तरों से सम्बन्धित होता है – पितृदोष | Blemish – pitrdosh

  वह दोष जो पित्तरों से सम्बन्धित होता है पितृदोष कहलाता है। यहाँ पितृ का अर्थ पिता नहीं वरन् पूर्वज होता है। ये वह पूर्वज होते है जो मुक्ति प्राप्त ना होने के कारण पितृलोक में रहते है तथा अपने प्रियजनों से उन्हे विशेष स्नेह रहता है। श्राद्ध या अन्य धार्मिक कर्मकाण्ड ना किये जाने

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revenant vaginal curse

भूत-प्रेत योनि श्राप या जीव हत्याजनित दोष – पितृदोष | Revenant vaginal curse – pitrdosh

  विद्वानों ने अपने ग्रंथों में विभिन्न दोषों का उदाहरण दिया है और पितर दोष का संबंध बृहस्पति (गुरु) से बताया है। अगर गुरु ग्रह पर दो बुरे ग्रहों का असर हो तथा गुरु 4-8-12वें भाव में हो या नीच राशि में हो तथा अंशों द्वारा निर्धन हो तो यह दोष पूर्ण रूप से घटता

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tradition of pittar worship and shraddha religion

पित्तर पूजन एवं श्राद्ध धर्म की परम्परा – पितृदोष | Tradition of Pittar worship and Shraddha religion – pitrdosh

  हमें अपने पित्तरों के प्रति वैसी ही श्रद्धा भावना रखनी चाहिये जैसा हम प्रभु के प्रति रखते है। संसार में सभी धर्मों एवं सभ्यताओं में पित्तरों के प्रति कर्त्तव्य पूरा करने को कहा गया है। अनेक धर्मों में अलग अलग रीतियों से पित्तर पूजन एवं श्राद्ध धर्म की परम्परा प्रचलित है। पित्तरों को स्थूल

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some common remedies

कुछ सामान्य उपाय – पितृदोष | Some common remedies – pitrdosh

  1. अमावस्या के दिन अपने पूर्वजों के नाम पर मन्दिर में दूध, चीनी, श्वेत वस्त्र व दक्षिणा आदि दें। 2. पीपल की 108 परिक्रमा निरंतर 108 दिन तक लगाएं। 3. परिवार के किसी सदस्य की अकाल मृत्यु होने पर उसके निमित्त पिंडदान अवश्य कराएं। 4. ग्रहण के समय दान अवश्य करें। 5. जन कल्याण

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