tradition of pittar worship and shraddha religion

पित्तर पूजन एवं श्राद्ध धर्म की परम्परा – पितृदोष | Tradition of Pittar worship and Shraddha religion – pitrdosh

 

हमें अपने पित्तरों के प्रति वैसी ही श्रद्धा भावना रखनी चाहिये जैसा हम प्रभु के प्रति रखते है। संसार में सभी धर्मों एवं सभ्यताओं में पित्तरों के प्रति कर्त्तव्य पूरा करने को कहा गया है। अनेक धर्मों में अलग अलग रीतियों से पित्तर पूजन एवं श्राद्ध धर्म की परम्परा प्रचलित है। पित्तरों को स्थूल सहायता की नही वरन् सूक्ष्म भावनात्मक सहयोग एवं श्रद्धा मात्र की ही आवश्यकता होती है क्योंकि वह सूक्ष्म शरीर में ही रहते है तथा प्रसन्न होने पर यही पित्तर बदले में प्रेरणा शक्ति सहयोग मार्गदर्शन एवं सफलता प्रदान करते है

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