वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का नक्शा PDF

saral vaastu tips 2 - kya karen

सरल वास्तु टिप्स 2 – क्या करें, क्या न करें – वैदिक वास्तु शास्त्र – saral vaastu tips 2 – kya karen, kya na kare – vedic vastu shastra

भवन निर्माण या वास्तु दोषों से मुक्ति हेतु कुछ वैज्ञानिक प्रयासों को अंजाम देकर परिवार में सुख, शांति और व्यापारिक संस्थानों को श्रीसमृद्धि से युक्त बनाया जा सकता है! वास्तु टिप्स का लाभ उठा कर अपने बौद्धिक साहस का परिचय दीजिए! चमत्कारों का सूर्य आपको आभायुक्त बना देगा! धन-समृद्धि के लिए धन की पेटी (कैश […]

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saral vaastu tips 3 - kya karen

सरल वास्तु टिप्स 3 – क्या करें, क्या न करें – वैदिक वास्तु शास्त्र – saral vaastu tips 3 – kya karen, kya na kare – vedic vastu shastra

भवन निर्माण या वास्तु दोषों से मुक्ति हेतु कुछ वैज्ञानिक प्रयासों को अंजाम देकर परिवार में सुख, शांति और व्यापारिक संस्थानों को श्रीसमृद्धि से युक्त बनाया जा सकता है! वास्तु टिप्स का लाभ उठा कर अपने बौद्धिक साहस का परिचय दीजिए! चमत्कारों का सूर्य आपको आभायुक्त बना देगा! घर में कांटेदार पौधे, युद्ध के दृश्य,

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uttarmukhi bhookhand ke vastu doshon ka nivaran

उत्तरोन्मुखी भूखंड के वास्तु दोषों का निवारण – सम्पूर्ण वास्तु दोष – uttarmukhi bhookhand ke vastu doshon ka nivaran – sampurna vastu dosh nivaran

दोष : इस भूखंड पर बनाए गये घर उत्तरी भाग उन्नत होना। उपाय : इस दोष के निवारण हेतु दक्षिण भाग को ऊंचा करने के लिए टी.वी. का ऐन्टीना, झंडा या लोहे का रॉड उत्तरी भाग से ऊंचा लगा दें तथा साथ ही घर में भारी सामान दक्षिण दिशा में ही रखें। छत के ऊपर

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vaidik vaastu shaastr ke anusaar kaisa ho aapaka pooja ghar

वैदिक वास्तु शास्त्र के अनुसार कैसा हो आपका पूजा घर – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik vaastu shaastr ke anusaar kaisa ho aapaka pooja ghar – vedic vastu shastra

हर घर में पूजा घर तो होते ही हैं! पूजा घर बनाते समय अधिकांश लोग कुछ बातों पर ध्यान नहीं देते! यदि पूजा घर भी वास्तु के नियमों के अनुसार बनाया जाए तो बेहतर होता है! वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर की दिशा, उसकी जगह, किस धातु से बना है मंदिर आदि.. और भी

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vaidik vastu shastra mein ishan kon ka mahatva

वैदिक वास्तु शास्त्र में ईशान कोण का महत्व – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik vastu shastra mein ishan kon ka mahatva – vedic vastu shastra

जमीन के उत्तर-पूर्व कोने को ईशान कोण कहा जाता है! यह माना जाता है कि इस कोण पर देवताओं और आध्यात्मिक शक्ति का वास रहता है! इसलिए यह घर का सबसे पवित्र कोना होता है! * भगवान शिव का एक नाम ईशान भी है! चूंकि भगवान शिव का आधिपत्य उत्तर-पूर्व दिशा में होता है इसीलिए

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vaidik vastu shastra ka udbhav

वैदिक वास्तुशास्त्र का उदभव – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik vastu shastra ka udbhav – vedic vastu shastra

'वैदिक शास्त्रों में वास्तु का अर्थ है गृह निर्माण योग्य भूमि! अर्थात् जिस भूमि पर अधिक सुरक्षा व सुविधा प्राप्त हो सके, इस प्रकार के मकान को भवन व महल आदि जिसमें मनुष्य रहते हैं या काम करते हैं वास्तु कहते है। इस ब्रह्मण्ड में सबसे शाक्तिशाली प्राकृति है क्योंकि यही सृष्टि का विकास करती

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vaidik vaas‍tushaas‍tr laksh‍mee pravesh kaise ho

वैदिक वास्‍तुशास्‍त्र लक्ष्‍मी प्रवेश कैसे हो – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik vaas‍tushaas‍tr laksh‍mee pravesh kaise ho – vedic vastu shastra

सुखी और सफल जीवन महालक्ष्‍मी की कृपा के बिना संभव नहीं है! शेषशैया पर सोने वाले भगवान विष्‍णु की अर्धागिनी मां लक्ष्‍मी कैसे हमारे जीवन में सहजता व सफलता से सारी कमियां पूरी कर दें! यही बतलाती है वैदिक वास्‍तुशास्‍त्र पर दैवज्ञ शिरोमणि वास्‍तु इंजीनियर पंडित गोपाल शर्मा व नरसिंह लाल जी की यह अनुपम

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vaidik vastu shastra

वैदिक वास्तु शास्त्र – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik vastu shastra – vedic vastu shastra

वैदिक वास्तु शास्त्र में मुख्य रूप से आठ दिशाओं , पंच तत्वो,के बारे मे वर्णन किया गया है,इन्ही का सन्तुलन करके हम अपने स्थान का पूर्ण सुख प्राप्त कर सकते है | आठ दिशाएं निम्न है- 1. पूर्व (East) 2. पश्चिम(West) 3. उत्तर(North) 4. दक्षिण(South) 5. ईशान(North East) 6. अग्नि(South East) 7. वायव्य(North West) 8.

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vaidik vastu shastra kee bhoomika

वैदिक वास्तु शास्त्र की भूमिका – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik vastu shastra kee bhoomika – vedic vastu shastra

वास्तु शास्त्र की भूमिका ओम प्रकाश दार्शनिक आज मानवीय सृष्टि में जो कुछ भी और जैसे भी हो रहा है, वह यदि अवांछित ढंग से न होकर विधि सापेक्ष रूप में हो तो निश्चित ही बहुत से अमंगल टल सकते हैं! वास्तुशास्त्र इस मांगल्य की स्थापना में हमारा सहायक अथवा मार्गदर्शक हो सकता है! भली-भांति

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vaidik kaal vaastu shaastr

वैदिक काल वास्तु शास्त्र – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik kaal vaastu shaastr – vedic vastu shastra

प्राचीन काल में ब्रह्मा नेविश्व की सृष्टि से पूर्व वासतु की सृष्टि की तथा लोकपालों की कल्पना की! ब्रह्मा ने जो मानसी सृष्टि की उसे मूर्त रूप देने हेतु विश्वकर्मा ने अपने चारों मानस पुत्र जय, विजय, सिद्धार्थ व अपराजित को आदेशित करते हुए कहा कि ‘मैंने देवताओं के भवन इत्यादि (यथा इन्द्र की अमरावती)

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