संपूर्ण ज्योतिष ज्ञान

vedic astrology

वेदिक ज्योतिषशास्त्र – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Vedic astrology – vaidik jyotish Shastra

  भारत में ज्योतिष शास्त्र के अध्ययन की जड़ें वैदिक काल से देखी जाती है। ज्योतिषीय परंपराओं की झलक भारत के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक अथर्ववेद में दिखाई देती है। भारत में प्राचीन भारतीय वैदिक ज्योतिष शास्त्र जो कि ज्योतिष के नाम से प्रसिद्घ था, ज्योतिष का आधार कुछ तुलनात्मक स्थिर तारों के […]

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swan yoga

हंस योग – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Swan yoga – vaidik jyotish Shastra

  हंस योग को वैदिक ज्योतिष के अनुसार किसी कुंडली में बनने वाले बहुत शुभ योगों में से एक माना जाता है तथा यह योग पंचमहापुरुष योग में से एक है। पंच महापुरुष योग में आने वाले शेष चार योग माल्वय योग, रूचक योग, भद्र योग एवम शश योग हैं। वैदिक ज्योतिष में हंस योग

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originator of ancient scripture

आदिकालीन शास्त्र के प्रवर्तक – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Originator of ancient scripture – vaidik jyotish Shastra

  जो विद्वान इस विद्या के मर्म को जानते है, इसके गहन तत्वों को आत्मसात कर चुके है, वो भलीभान्ती जानते है कि इस आदिकालीन शास्त्र के प्रवर्तक ऋषियों-मुनियों,महर्षियों नें कहीं भी किसी ऎसे निर्दयी विधाता की सत्ता की कल्पना नहीं की,जो जैसे चाहे,जब चाहे,मनुष्य के साथ खेल खेलता रहे. इसके विपरीत यहाँ तो स्पष्ट

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pushkal yoga

पुष्कल योग – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Pushkal Yoga – vaidik jyotish Shastra

  वैदिक ज्योतिष में पुष्कल योग की प्रचलित परिभाषा के अनुसार यदि किसी कुंडली में चन्द्रमा लग्नेश अर्थात पहले घर के स्वामी ग्रह के साथ हो तथा यह दोनों जिस राशि में स्थित हों उस राशि का स्वामी ग्रह केन्द्र के किसी घर में स्थित होकर अथवा किसी राशि विशेष में स्थित होने से बलवान

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guru chandal yoga

गुरु चांडाल योग – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Guru chandal yoga – vaidik jyotish Shastra

  वैदिक ज्योतिष में गुरु चांडाल योग की प्रचलित परिभाषा के अनुसार यदि किसी कुंडली में गुरु अर्थात बृहस्पति के साथ राहु या केतु में से कोई एक स्थित हो अथवा किसी कुंडली में गुरु का राहु अथवा केतु के साथ दृष्टि आदि से कोई संबंध बन रहा हो तो ऐसी कुंडली में गुरु चांडाल

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vedic astrology and karma

वैदिक ज्योतिष और कर्म – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Vedic Astrology and Karma – vaidik jyotish Shastra

  वैदिक ज्योतिष और कर्म सिद्धान्त के आपसी गहन सम्बन्ध की बात की जाए तो,उसके लिए सबसे पहले तो बताना चाहूँगा कि सम्पूर्ण ज्योतिष शास्त्र सिर्फ इसी कर्म-सिद्धान्त की भित्ति पर खडा है.बल्कि यूँ कहें कि कर्म चक्र का ये सिद्धान्त ही तो इस शास्त्र की आत्मा है.यदि इस आत्मा को इससे विलग कर दिया

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mahabhagya yoga

महाभाग्य योग – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Mahabhagya yoga – vaidik jyotish Shastra

  वैदिक ज्योतिष में महाभाग्य योग की प्रचलित परिभाषा के अनुसार यदि किसी पुरुष का जन्म दिन के समय का हो तथा उसकी जन्म कुंडली में लग्न अर्थात पहला घर, सूर्य तथा चन्द्रमा, तीनों ही विषम राशियों जैसे कि मेष, मिथुन, सिंह आदि में स्थित हों तो ऐसी कुंडली में महाभाग्य योग बनता है जो

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gaj kesari yoga

गज केसरी योग – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Gaj Kesari Yoga – vaidik jyotish Shastra

  दिक ज्योतिष में गज केसरी योग की प्रचलित परिभाषा के अनुसार यदि किसी कुंडली में बृहस्पति चंद्रमा से केंद्र में हों अर्थात चंद्रमा से गिनने पर यदि बृहस्पति 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में स्थित हों तो ऐसी कुंडली में गज केसरी योग बनता है जो जातक को व्यवसायिक सफलता, ख्याति, धन, संपति

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the only secret of vedic astrology is

वैदिक ज्योतिष का एकमात्र रहस्य है – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | The only secret of Vedic astrology is – vaidik jyotish Shastra

  भारतीय वैदिक ज्योतिष का एकमात्र रहस्य यह है कि यह शास्त्र चिरन्तन और जीवन से सम्बद्ध सत्य का विश्लेषण करता है. संसार के समस्त शास्त्र जहाँ जगत के किसी एक अंश का निरूपण करते हैं,वहीं वैदिक ज्योतिष शास्त्र आन्तरिक एवं बाह्य दोनों जगतों से सम्बंधित समस्त ज्ञेयों का प्रतिपादन करता है. इसका सत्य दर्शन

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poor yoga

दुर योग, दरिद्र योग – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Poor yoga – vaidik jyotish Shastra

  दुर योग तथा दरिद्र योग को वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली मे बनने वाले योगों में से अशुभ माना जाता है तथा अनेक वैदिक ज्योतिषी यह मानते हैं कि किसी कुंडली में इन दोनों योगों में से किसी योग के बन जाने से जातक के व्यवसाय तथा आर्थिक समृद्धि पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

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