संपूर्ण वास्तु शास्त्र

vaastu- kaise karen dishaon ka shodhan

वास्तु: कैसे करें दिशाओं का शोधन – वास्तुशास्त्र – vaastu: kaise karen dishaon ka shodhan – vastu shastra

दिशाओं में देवी-देवताओं और स्वामी ग्रहों के आधिपत्य से संबंधित बहुत चर्चाएं की गई हैं। दिशाओं के देव व स्वामी होने से पृथ्वी पर किसी भूखंड पर निर्माण कार्य प्रारंभ करते समय यह विचार अवश्य कर लेना होगा कि भूखंड के किस भाग में किस उद्देश्य से गृह निर्माण कराया जा रहा है। यदि उस […]

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vashtushastr ka udbhav ‘vaidik shastron grh nirmaan yogy bhoomi

वास्तुशास्त्र का उदभव ‘वैदिक शास्त्रों गृह निर्माण योग्य भूमि – वास्तुशास्त्र – vashtushastr ka udbhav ‘vaidik shastron grh nirmaan yogy bhoomi – vastu shastra

अर्थात् जिस भूमि पर अधिक सुरक्षा व सुविधा प्राप्त हो सके, इस प्रकार के मकान को भवन व महल आदि जिसमें मनुष्य रहते हैं या काम करते हैं वास्तु कहते है।इस ब्रह्मण्ड में सबसे शाक्तिशाली प्राकृति है क्योंकि यही सृष्टि का विकास करती है।यही ह्रास प्रलय, नाशा करती है।वास्तु शास्त्र इन्हीं प्राकृतिक शाक्तियों का अधिक

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vastu shastra : vaidik kal kare

वास्तु शास्त्र : वैदिक काल कार्य – वास्तुशास्त्र – vastu shastra : vaidik kal kare – vastu shastra

प्राचीन काल में ब्रह्मा नेविश्व की सृष्टि से पूर्व वासतु की सृष्टि की तथा लोकपालों की कल्पना की। ब्रह्मा ने जो मानसी सृष्टि की उसे मूर्त रूप देने हेतु विश्वकर्मा ने अपने चारों मानस पुत्र जय, विजय, सिद्धार्थ व अपराजित को आदेशित करते हुए कहा कि ‘मैंने देवताओं के भवन इत्यादि (यथा इन्द्र की अमरावती)

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vaastu shaastr ka maanav jeevan rahasy

वास्तु शास्त्र का मानव जीवन रहस्य – वास्तुशास्त्र – vaastu shaastr ka maanav jeevan rahasy – vastu shastra

वास्तुशास्त्र जीवन के संतुलन का प्रतिपादन करता है। यह संतुलन बिगड़ते ही मानव एकाकी और समग्र रूप से कई प्रकार की कठिनाइयों और समस्याओं का शिकार हो जाता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार पंचमहाभूतों- पृथ्वी ,जल , वायु , अग्नि और आकाश के विधिवत उपयोग से बने आवास में पंचतत्व से निर्मित प्राणी की क्षमताओं को

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vastu aur hum

वास्तु और हम – वास्तुशास्त्र – vastu aur hum – vastu shastra

वास्तु विज्ञान और ज्योतिष शास्त्र एक ही गाड़ी के दो पहिये है ! इंसान के जीवन की कुछ समस्याएं ज्योतिष दूर कर सकता है और कुछ वास्तु शास्त्र ! जो लोग इसे जानते नहीं है वे यकीन नहीं करेगे पर सही अर्थों में वास्तु को जाने वाला आप के बिना बताये ही ,केवल आप के

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vastu ke fayde

वास्तु का फायदा – वास्तु पूजा – vastu ke fayde – vastu pooja

वास्तु का फायदा : अगर ये कहा जाए कि घर की खुशियों की कूंजी वास्तु में छिपी है तो हो सकता है कि आप तुरंत हमारी इस बात पर यकीन न करें. लेकिन जब आप वास्तु का सही अर्थ जान जाएंगे तब आपको इस बात पर यकीन होगा. दरअसल, वास्तु का सही अर्थ है चारों

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jeevan kee samasyaon ka nidaan hai vaastu shaastr

जीवन की समस्याओं का निदान है वास्तु शास्त्र – वास्तु और स्वास्थ्य – jeevan kee samasyaon ka nidaan hai vaastu shaastr – vastu aur swasthya

वास्तु शास्त्र भवन-निर्माण का विज्ञान है। वास्तु के आधार पर बना भवन ब्रह्माण्ड से सकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर आकर्षित करता है और भवन के अंदर ऊर्जा का संतुलन बना रहता है, जिससे वहाँ सुख, शांति, प्रगति और सौहार्द का माहौल उत्पन्न होता है। वास्तु-शास्त्र के सिद्धांत ठोस वैज्ञानिक तथ्यों पर टिके हुए हैं, जिनका

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in saral vaastu tips se laen ghar mein shubhata

इन सरल वास्तु टिप्स से लाएं घर में शुभता – वास्तु और सकारात्मक ऊर्जा – in saral vaastu tips se laen ghar mein shubhata – vastu aur sakaratmak oorja

ईशान कोण यानी भवन के उत्तर-पूर्वी हिस्से वाला कॉर्नर में पूजास्थल पवित्रता का प्रतीक है इसलिए यहां झाड़ू-पोंछा, कूड़ादान नहीं रखना चाहिए।प्रातःकाल नाश्ते से पूर्व घर में झाड़ू अवश्य लगानी चाहिए।संध्या समय जब दोनों समय मिलते हैं, घर में झाड़ू-पोंछे का काम नहीं करना चाहिए।घर में जूतों का स्थान प्रवेश द्वार के दाहिने तरफ न

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vaastu shaastr ka arth

वास्तु शास्त्र का अर्थ – घर का वास्तु – vaastu shaastr ka arth – ghar ka vastu

वास्तु शास्त्र का अर्थ वास्तुशास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जो हमारे घर और कार्यस्थल पर समृद्धि, मानसिक शांति, खुशी और सामंजस्य दिलाने में मदद करता है. किसी जगह का वास्तु उस जगह के चारों ओर उपस्थित विभिन्न ऊर्जा को इस तरीके से कवच के रूप में पिरोता है कि व्यक्ति को मानसिक शांति और सद्भाव

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