पितरों के बारे में बताओ

pitra tarpan is done on the same date

पितृ तर्पण उसी तिथि को किया जाता है – पितृदोष | Pitra tarpan is done on the same date – pitrdosh

  पितृ तर्पण उसी तिथि को किया जाता है जिस तिथि को पूर्वजों का देहान्त हुआ हो जिन्हें पूर्वजों की मृत्यु की तिथि याद ना हो वह अश्विन कृष्ण अमावस्या यानि सर्वपितृमोक्ष अमावस्या को यह कार्य करते है ताकि पित्तरों को मोक्ष मार्ग दिखाया जा सके। पितृ पक्ष की नौवी तिथि जिसे मातृ नवमी भी […]

पितृ तर्पण उसी तिथि को किया जाता है – पितृदोष | Pitra tarpan is done on the same date – pitrdosh Read More »

fathers farewell at the end of the paternal side

पितृ पक्ष की समाप्ति पर पितरों की विदाई – पितृदोष | Fathers farewell at the end of the paternal side – pitrdosh

  पितृ पक्ष में श्राद्ध करके पितृ अमावस्या के बाद सूर्यास्त के समय पितरों की पूर्ण आदर और श्रद्धा से विदाई अवश्य ही की जानी चाहिए । इसमें शास्त्रीय विधानानुसार सूर्यास्त के समय गंगा / नदी के तटों पर चौदह दीप प्रज्वलित कर पितरों का सिमरन करना चाहिए। इसके बाद दक्षिण दिशा की ओर मुंह

पितृ पक्ष की समाप्ति पर पितरों की विदाई – पितृदोष | Fathers farewell at the end of the paternal side – pitrdosh Read More »

at the time of shraddh of ancestors in shraddha paksha

श्राद्ध पक्ष में पितरों के श्राद्ध के समय – पितृदोष | At the time of shraddh of ancestors in Shraddha Paksha – pitrdosh

  श्राद्ध पक्ष में पितरों के श्राद्ध के समय शास्त्रानुसार कुछ विशेष वस्तुओं और सामग्री का उपयोग उचित और कुछ को निषेध बताया गया है। 1- श्राद्ध में सात पदार्थ बहुत ही महत्वपूर्ण बताए गए हैं जैसे – गंगाजल, दूध, शहद, तरस का कपड़ा, दौहित्र, कुश और तिल। 2- शास्त्रों के अनुसार, तुलसी से पितृगण

श्राद्ध पक्ष में पितरों के श्राद्ध के समय – पितृदोष | At the time of shraddh of ancestors in Shraddha Paksha – pitrdosh Read More »

identification of genuine fake penetration

असली नकली प्रेतावेश की पहचान – पितृदोष | Identification of genuine fake penetration – pitrdosh

  प्रेत बाधित व्यक्ति में उपर्युक्त लक्षण हैं, तो समझना चाहिए कि सचमुच प्रेत कष्ट से वह पीड़ित है, अन्यथा नहीं। व्यक्ति वास्तव में प्रेतग्रस्त है और उसके माध्यम से बोलने वाला वास्तव में प्रेत है या पालतू प्रेत है, इसे समझने के लिए एक हरा और ताजा नींबू लेकर उसे प्रेतग्रस्त व्यक्ति को दिखाकर

असली नकली प्रेतावेश की पहचान – पितृदोष | Identification of genuine fake penetration – pitrdosh Read More »

surrender in shraddha paksha

श्राद्ध पक्ष में राहुकाल में तर्पण – पितृदोष | Surrender in Shraddha Paksha – pitrdosh

  श्राद्ध पक्ष में राहुकाल में तर्पण, श्राद्ध वर्जित है अत: इस समय में उपरोक्त कार्य नहीं करने चाहिए । श्राद्ध में ब्राह्मण भोजन गजछाया के ( मध्यान का समय ) दौरान किया जाये तो अति उत्तम है ! गजछाया दिन में 12 बजे से 2 बजे के मध्य रहती है । सुबह अथवा 12

श्राद्ध पक्ष में राहुकाल में तर्पण – पितृदोष | Surrender in Shraddha Paksha – pitrdosh Read More »

identification of a ghostly person

प्रेत बाधाग्रस्त व्यक्ति की पहचान – पितृदोष | Identification of a ghostly person – pitrdosh

  वास्तव में जो व्यक्ति प्रेत बाधित होता है उसकी आंखे स्थिर अधमुंदी और लाल रहती हैं। शरीर का तापमान सामान्य से अधिक होता है। हाथ पैर के नाखून काले पड़े होते हैं। भूख बिलकुल कम लगती है या फिर बहुत अधिक भोजन करता है। नींद आती ही नहीं या आती भी है तो बिलकुल

प्रेत बाधाग्रस्त व्यक्ति की पहचान – पितृदोष | Identification of a ghostly person – pitrdosh Read More »

brahma vaivarta purana and manusmriti

ब्रह्म वैवर्त पुराण और मनुस्मृति – पितृदोष | Brahma Vaivarta Purana and Manusmriti – pitrdosh

  ब्रह्म वैवर्त पुराण और मनुस्मृति में ऐसे लोगों की घोर भत्र्सना की गई है जो इस मृत्युलोक में आकर अपने पितरों को भूल जाते हैं और सांसारिक मोहमाया, अज्ञानतावश अथवा संस्कार हीनता के कारण कभी भी अपने दिव्य पितरों को याद नहीं करते है। अपने पितरों का तिथि अनुसार श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न

ब्रह्म वैवर्त पुराण और मनुस्मृति – पितृदोष | Brahma Vaivarta Purana and Manusmriti – pitrdosh Read More »

ghost phantom who and how?

भूत प्रेत कौन और कैसे? – पितृदोष | Ghost Phantom Who and How? – pitrdosh

  भूत प्रेत, जिन्नदि जैसे मनुष्यों में ब्राहमण, क्षत्रिय, वैश्य आदि जाति भेद हैं, उसी प्रकार उनकी भी जातियां या भेद सुविधानुसार किए गए हैं। इनमें भूत-प्रेत, जिन्न, ब्रहम, राक्षस, डाकिनी-शाकिनी आदि मुख्य हैं। जिनकी किसी दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, वे भूत प्रेत बन जाते हैं। 1. जिसका जीवन में किसी ने ज्यादा

भूत प्रेत कौन और कैसे? – पितृदोष | Ghost Phantom Who and How? – pitrdosh Read More »

father's shraddha karma

पितरों का श्राद्ध कर्म – पितृदोष | Father’s Shraddha Karma – pitrdosh

  हिन्दू धर्म शास्त्र में कहा गया भी गया है कि जो मनुष्य श्राद्ध करता है वह पित्तरों के आशीर्वाद से आयु, पुत्र, यश, बल, वैभव, सुख तथा धन-धान्य प्राप्त करता है। इसीलिये हिन्दू लोग अश्विन माह के कृष्ण पक्ष में प्रतिदिन नियमपूर्वक स्नान करके पित्तरों का तर्पण करते है तथा जो दिन उनके पिता

पितरों का श्राद्ध कर्म – पितृदोष | Father’s Shraddha Karma – pitrdosh Read More »

ghost factor

भूत-प्रेत के कारक – पितृदोष | Ghost factor – pitrdosh

  भूत-प्रेत कारक ग्रह राहु से अधिक संबंध रखता है। चौथे स्थान में राहु, दसवें स्थान में शनि-मंगल हो तो उसके निवास स्थान में प्रेत का वास रहता है। इसके कारण धन हानि, संतान हानि, स्त्री को कष्ट इत्यादि होता है। अगर दूसरे, चौथे, पंचम, छठे, सातवें, द्वादश रवि के साथ राहु या गुरु के

भूत-प्रेत के कारक – पितृदोष | Ghost factor – pitrdosh Read More »

Scroll to Top