वास्तु ग्रंथ

mithun raashi - avivaahiton ke lie raashinusaar saral upaay

मिथुन राशि – अविवाहितों के लिए राशि अनुसार सरल उपायमिथुन राशि – अविवाहितों के लिए राशिनुसार सरल उपाय – इक्कीसवाँ दिन – Day 21 – 21 Din me kundli padhna sikhe – mithun raashi – avivaahiton ke lie raashinusaar saral upaay – Ikkeesavaan Din

बृहस्पति के मंत्र ‘ॐ ज्रां ज्रीं ज्रौं स: बृहस्पतये नम:’ का जप तथा केसर का तिलक लगाएं। गुरुवार का व्रत करें। मिथुन राशि – अविवाहितों के लिए राशि अनुसार सरल उपायमिथुन राशि – अविवाहितों के लिए राशिनुसार सरल उपाय – mithun raashi – avivaahiton ke lie raashinusaar saral upaay – इक्कीसवाँ दिन – Day 21 […]

मिथुन राशि – अविवाहितों के लिए राशि अनुसार सरल उपायमिथुन राशि – अविवाहितों के लिए राशिनुसार सरल उपाय – इक्कीसवाँ दिन – Day 21 – 21 Din me kundli padhna sikhe – mithun raashi – avivaahiton ke lie raashinusaar saral upaay – Ikkeesavaan Din Read More »

vaidik vastu shastra

वैदिक वास्तु शास्त्र – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik vastu shastra – vedic vastu shastra

वैदिक वास्तु शास्त्र में मुख्य रूप से आठ दिशाओं , पंच तत्वो,के बारे मे वर्णन किया गया है,इन्ही का सन्तुलन करके हम अपने स्थान का पूर्ण सुख प्राप्त कर सकते है | आठ दिशाएं निम्न है- 1. पूर्व (East) 2. पश्चिम(West) 3. उत्तर(North) 4. दक्षिण(South) 5. ईशान(North East) 6. अग्नि(South East) 7. वायव्य(North West) 8.

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vaidik kal darpan vaastu

वैदिक काल दर्पण वास्‍तु – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik kal darpan vaastu – vedic vastu shastra

वातावरण में व्‍याप्‍त सकारात्‍म्‍क ऊर्जाओं का उपयोग एवं नकारात्‍मक ऊर्जाओं का प्रतिरोध ही वास्‍तु है! दर्पण के द्वारा भी इन ऊर्जाओं को प्राप्‍त किया जा सकता है! इस पुस्‍तक में दर्पणों के सकारात्‍मक एवं नकारात्‍मक उपयोगों का सचित्र वर्णन किया गया है सकारात्‍मक उपयोग जीवन में लाभकारी एवं नकारात्‍मक उपयोग हानिकारक सिद्ध हो सकते हैं!

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vaidik kaal vaastu shaastr

वैदिक काल वास्तु शास्त्र – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik kaal vaastu shaastr – vedic vastu shastra

प्राचीन काल में ब्रह्मा नेविश्व की सृष्टि से पूर्व वासतु की सृष्टि की तथा लोकपालों की कल्पना की! ब्रह्मा ने जो मानसी सृष्टि की उसे मूर्त रूप देने हेतु विश्वकर्मा ने अपने चारों मानस पुत्र जय, विजय, सिद्धार्थ व अपराजित को आदेशित करते हुए कहा कि ‘मैंने देवताओं के भवन इत्यादि (यथा इन्द्र की अमरावती)

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pad vastu

पद वास्तु – वैदिक वास्तु शास्त्र – pad vastu – vedic vastu shastra

वास्तु पुरुष का आविर्भाव इतिहास में कब हुआ इसका समय ज्ञात नहीं है परन्तु वैदिक काल से ही यज्ञवेदी का निर्माण पूर्ण विधान के साथ किया जाता था! क्रमश: यहीं से विकास कार्य शुरू हुआ व एक पदीय वास्तु (जिसमें वास्तुखंड के और विभाजन न किए जाएं) जिसे सकल कहते हैं, पेचक मंडल जिसमें एक

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vaastu shaastr ka maanav jeevan rahasy

वास्तु शास्त्र का मानव जीवन रहस्य – वास्तुशास्त्र – vaastu shaastr ka maanav jeevan rahasy – vastu shastra

वास्तुशास्त्र जीवन के संतुलन का प्रतिपादन करता है। यह संतुलन बिगड़ते ही मानव एकाकी और समग्र रूप से कई प्रकार की कठिनाइयों और समस्याओं का शिकार हो जाता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार पंचमहाभूतों- पृथ्वी ,जल , वायु , अग्नि और आकाश के विधिवत उपयोग से बने आवास में पंचतत्व से निर्मित प्राणी की क्षमताओं को

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vastu tips : 20 upyogi baten

वास्तु टिप्स : 20 उपयोगी बातें – वास्तुशास्त्र – vastu tips : 20 upyogi baten – vastu shastra

पवन घंटियां (विंड चाइम) घर में सौभाग्य बढ़ाने का अद्भुत स्रोत हैं। पवन घंटियां बैठक तथा घर में स्थापित मंदिर के दरवाजे पर लटकाने से शुभ्रता प्रदान करती है। व्यावसायिक कार्यालयों में दक्षिण दिशा में संस्थान के मालिक की फोटो लगाएं। पूर्वजों के चित्र उत्तर-पश्चिम में रखें, तो ज्यादा अच्‍छा होगा। अलमारी या कपड़ों की

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vastu ke anuroop sajaye kalakritiyan

वास्तु के अनुरूप सजाएँ कलाकृतियाँ – वास्तु के अनुसार सज्जा – vastu ke anuroop sajaye kalakritiyan – vastu ke anusaar sajja

कलाकृतियाँ सिर्फ कला दीर्घाओं की ही शोभा नहीं बढ़ातीं बल्कि घर को इनसे एक अलग पहचान मिलती है। लोग इन्हें वास्तु के हिसाब से भी सजाते हैं। पेंटिंग आपके घर के इंटीरियर में चार चाँद तो लगाती ही है, लेकिन अगर आप सही पेंटिंग का चयन करें तो यह घर में खुशी और समृद्धि भी

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