8 ग्रहों के नाम

dakshin bhaarateey paddhati

दक्षिण भारतीय पद्धति – बारहवां दिन – Day 12 – 21 Din me kundli padhna sikhe – dakshin bhaarateey paddhati – Barahavaan Din

दक्षिण भारतीय पद्धति में प्रचलित कुंडली में राशियाँ स्थिर रहती है और भाव बदल जाते हैं। पूरी कुंडली में लग्न भाव कहीं भी आ सकता है जबकि उत्तर भारतीय पद्धति में ऎसा नहीं है। दोनो की कुंडली बनाने का तरीका भी भिन्न होता है। जिस भाव में लग्न राशि आती है उसे दो तिरछी रेखाएँ […]

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grahon kee jaanakaaree

ग्रहों की जानकारी – वास्तुशास्त्र – grahon kee jaanakaaree – vastu shastra

1.सूर्य-जन्म के समय सूर्य की स्थिति से जातक की देह, पिता, पराक्रम, धन, प्रसिध्दि व आसक्ति का विचार किया जाता है। यह पित्त प्रधान है। 2. चंद्र – यह वात व कफ प्रधान है। इसकी स्थिति से बुध्दि, मानसिक अवस्था, व्यावहारिक ज्ञान, माता, राय सुख व संचार सुख का विचार किया जाता है। 3. मंगल

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