dakshin mukhi ghar ka naksha

mukh dakshin disha ki or na ho - ladakee kee shaadee ke upaay

मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो – लड़की की शादी के उपाय – सत्रहवाँ दिन – Day 17 – 21 Din me kundli padhna sikhe – mukh dakshin disha ki or na ho – ladakee kee shaadee ke upaay – Satrahavaan Din

यदि विवाह के पूर्व लड़का-लड़की मिलना चाहें तो वह इस प्रकार बैठे कि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो। मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो – लड़की की शादी के उपाय – mukh dakshin disha ki or na ho – ladakee kee shaadee ke upaay – सत्रहवाँ दिन – Day 17 – […]

मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो – लड़की की शादी के उपाय – सत्रहवाँ दिन – Day 17 – 21 Din me kundli padhna sikhe – mukh dakshin disha ki or na ho – ladakee kee shaadee ke upaay – Satrahavaan Din Read More »

bhawan nirman mein vastu ka rahasya

भवन निर्माण में वास्तु का रहस्य – वैदिक वास्तु शास्त्र – bhawan nirman mein vastu ka rahasya – vedic vastu shastra

भूखण्ड का चयन करते समय जिस प्रकार भू-स्वामी को वास्तु शास्त्र में वर्णित शुभाशुभ का ध्यान रखना आवश्यक होता है, उससे भी कहीं अधिक भवन निर्माण के समय ध्यान रखना चाहिए! मकान निर्माण में दिशाओं का अपना अलग ही महत्व है! दिशाओं के अधिपति व फलाफल इस प्रकार हैं:- दिशा अधिपति फल! उत्तर कुबेर धन्य-धान्य

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soch-vichaar kar banaen ghar ka mukhy dvaar

सोच-विचार कर बनाएं घर का मुख्य द्वार – वास्तु शास्त्र के अनुसार घर – soch-vichaar kar banaen ghar ka mukhy dvaar – vastu shastra ke anusar ghar

भवन के मुख्य द्वार का उसके वास्तु शास्त्र पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। यदि मुख्य द्वार में ही दोष हो तो इसे दूर करना अति आवश्यक होता है। मुख्य द्वार बनवाते समय नीचे लिखी बातों का ध्यान रखें-1- वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार काफी महत्वपूर्ण होता है इसे सिंह- द्वार भी कहते हैं।2- वास्तु

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paschim disha ke dosh

पश्चिम दिशा के दोष – वास्तु और स्वास्थ्य – paschim disha ke dosh – vastu aur swasthya

वास्तु शास्त्र के नियम बहुत ही सूक्ष्म अध्ययन और अनुभव के आधार पर बने हैं.इसमे पंच मूलभूत तत्त्वो का भी समावेश किया गया हैं. ये पंच मूलभूत तत्त्व हैं – आकाश, पृथ्वी, जल, वायु और अग्नि, वास्तु मात्र भवन निर्माण नहीं, अपितु वो सम्पूर्ण देश, नगर, उपनगर,निर्माण योजना से लेकर छोटे छोटे भवन और उसमे

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bhavan mein dakshin disha ka mahatva

भवन में दक्षिण दिशा का महत्व – वास्तु और कक्ष दशा – bhavan mein dakshin disha ka mahatva – vastu aur kaksha dasham

किसी भी भवन में दक्षिण दिशा का क्या महत्व है? इस दिशा में दोष होने पर क्या प्रभाव पडता है? उत्तर: दक्षिण दिशा का स्वामी यम, आयुध दंड एवं प्रतिनिधि ग्रह मंगल है। मंगल सांसारिक कार्यक्रम को संचालित करने वाली विषिष्ट जीवनदायिनी शक्ति है। यह सभी प्राणियों को जीवन शक्ति देता है और उत्साह और

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mukhyadvaar vaastu upaay

मुख्यद्वार वास्तु उपाय – वास्तु उपाय – mukhyadvaar vaastu upaay – vastu upay

मुख्य प्रवेश द्वार से जुड़े वास्तु उपायघर का मुख्य प्रवेश द्वार अन्य दरवाज़ों से ऊंचा और बड़ा होना चाहिए इसका आकार हमेशा घर के भीतर बने अन्य दरवाज़ों की तुलना में बड़ा होना चाहिए. वास्तु अनुसार पूर्व अथवा उत्तर दिशा में मुख्यद्वार बनवाना बहुत ही शुभ होता है. नैऋत्य और वायव्य कोण में घर का

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mukhy dvaar ka vaastu

मुख्य द्वार का वास्तु – प्लाट का वास्तु – mukhy dvaar ka vaastu – plot ka vastu

मुख्य द्वार का वास्तु वास्तु के अनुसार प्लॉट का मुख्य द्वारकिसी भी घर में मुख्य द्वार का विशेष महत्व होता है। मुख्य द्वार की स्थिति वास्तु सम्मत होती है तो उसमें रहने वालों का स्वास्थ्य, समृद्धि सब कुछ ठीक रहता है और अगर यह गलत हो तो कई परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है।

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ghar ka muy dwaar uttar

घर का मुय द्वार उत्तर, उत्तर-पश्चिम या पश्चिम में हो तो – आपके घर का वास्तु शास्त्र – ghar ka muy dwaar uttar, uttar-paschim ya paschim mein ho to – apke ghar ka vastu shastra

घर या दतर में झाड़ू का जब इस्तेमाल न हो रहा हो, तब उसे नजरों के सामने से हटाकर रखें।यदि घर का मुय द्वार उत्तर, उत्तर-पश्चिम या पश्चिम में हो तो उसके ऊपर बाहर की तरफ घोड़े की नाल लगा देना चाहिए।कमरों में पूरे फर्श को घेरते हुए कालीन आदि बिछाने से लाभदायक ऊर्जा का

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