mool nakshatra dhanu rashi

naam akshar athva janm nakshatr

नामाक्षर अथवा जन्म नक्षत्र – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – naam akshar athva janm nakshatr – Chaudahavaan Din

जन्म के समय चन्द्रमा जिस नक्षत्र में स्थित है उसके आधार पर कुंडली मिलान किया जाता है। जिसे आम भाषा में गुण मिलान भी कहा जाता है। इस विधि में वर एवं कन्या के नामाक्षर अथवा जन्म नक्षत्र की एक सारणी से मिलान करके परिणाम निकाला जाता है। इस गुण मिलान में त्रुटी हो जाए […]

नामाक्षर अथवा जन्म नक्षत्र – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – naam akshar athva janm nakshatr – Chaudahavaan Din Read More »

mool nakshatr parichay

मूल नक्षत्र परिचय – मूल नक्षत्र – Original constellation introduction – mool nakshatr parichay

मूल नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में आते हैं। यह ये ये भा भी के नाम से जाना जाता है। नक्षत्र का स्वामी केतु है। वहीं राशि स्वामी गुरु है। केतु गुरु धनु राशि में उच्च का होता है व इसकी दशा 7 वर्ष की होती है। इस के बाद सर्वाधिक 20 वर्ष की

मूल नक्षत्र परिचय – मूल नक्षत्र – Original constellation introduction – mool nakshatr parichay Read More »

singh lagna mool nakshatra

सिंह लग्न मूल नक्षत्र – मूल नक्षत्र – Leo ascendant original Star – singh lagna mool nakshatra

सिंह लग्न में केतु पंचम, नवम, लग्न, चतुर्थ में व राशि स्वामी गुरु नवम, पंचम, लग्न, चतुर्थ द्वादश में हो तो उत्तम परिणाम मिलते हैं। ऐसा जातक माता, भूमि, भवन, भाग्यवान, प्रभावी, प्रशासनिक सेवाओं में सफल होता है। singh lagna mool nakshatra – सिंह लग्न मूल नक्षत्र – सिंह लग्न मूल नक्षत्र – Leo ascendant

सिंह लग्न मूल नक्षत्र – मूल नक्षत्र – Leo ascendant original Star – singh lagna mool nakshatra Read More »

durbhaagyashaalee nahin hote mool nakshatr ke jaatak

दुर्भाग्यशाली नहीं होते मूल नक्षत्र के जातक – जन्म नक्षत्र का व्यक्तित्व पर प्रभाव – Unlucky not contain the original constellation of native – durbhaagyashaalee nahin hote mool nakshatr ke jaatak

मूल नक्षत्र गण्डमूल नक्षत्र के अन्तर्गत आता है। यह नक्षत्र बहुत ही अशुभ माना जाता है। इस नक्षत्र का स्वामी केतु होता है। इस नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में होते हैं। इस नक्षत्र के विषय में यह धारणा है कि जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं उनके परिवार के सदस्यों को

दुर्भाग्यशाली नहीं होते मूल नक्षत्र के जातक – जन्म नक्षत्र का व्यक्तित्व पर प्रभाव – Unlucky not contain the original constellation of native – durbhaagyashaalee nahin hote mool nakshatr ke jaatak Read More »

mool nakshatra mantra

मूल नक्षत्र मंत्र – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Original Star spells – mool nakshatra mantra

ऊँ मातवे पुत्र पृथ्वी पुरीत्यमग्नि पूवेतो नावं मासवातां विश्वे र्देवेर ऋतुभि: सं विद्वान प्रजापति विश्वकर्मा विमन्चतु॥ मूल नक्षत्र का बडा मंत्र यह है,इसके बाद छोटा मंत्र इस प्रकार से है:- ऊँ एष ते निऋते। भागस्तं जुषुस्व। mool nakshatra mantra – मूल नक्षत्र मंत्र – मूल नक्षत्र मंत्र – Original Star spells  

मूल नक्षत्र मंत्र – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Original Star spells – mool nakshatra mantra Read More »

mool sangyak nakshatr aur unaka prabhaav

मूल संज्ञक नक्षत्र और उनका प्रभाव – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Original nounal constellation and their effects – mool sangyak nakshatr aur unaka prabhaav

ज्येष्ठा आश्लेषा और रेवती,मूल मघा और अश्विनी यह नक्षत्र मूल नक्षत्र कहलाये जाते है,इन नक्षत्रों के अन्दर पैदा होने वाला जातक किसी न किसी प्रकार से पीडित होता है,ज्येष्ठा के मामले में कहा जाता है,कि अगर इन नक्षत्र को शांत नही करवाया गया तो यह जातक को तुरत सात महिने के अन्दर से दुष्प्रभाव देना

मूल संज्ञक नक्षत्र और उनका प्रभाव – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Original nounal constellation and their effects – mool sangyak nakshatr aur unaka prabhaav Read More »

mool nakshatr abhukt mool vichaar

अभुक्त मूल विचार – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Unpaid basic idea – mool nakshatr abhukt mool vichaar

ज्येष्ठा नक्षत्र की अन्त की दो घडी तथा मूल नक्षत्र की आदि की दो घडी अभुक्त मूल कहलाती है,लेकिन यह बातें तब मानी जाती थीं,जब जातक के माता पिता पहले से ही धर्म कार्यों के अन्दर खुद को लगा कर रखते थे,मगर आज के जमाने में सभी भौतिक कारणों से और सब कुछ पोंगा पंडित

अभुक्त मूल विचार – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Unpaid basic idea – mool nakshatr abhukt mool vichaar Read More »

mool shaanti ke upaay

मूल शांति के उपाय – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Measure the original peace – mool shaanti ke upaay

ज्येष्ठा मूल या अश्विनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक के लिये नीचे लिखे मंत्रों का जाप २८००० जाप करवाने चाहिये,और २८वें दिन जब वही नक्षत्र आये तो मूल शान्ति का प्रयोजन करना चाहिये,जिस मन्त्र का जाप किया जावे उसका दशांश हवन करवाना चाहिये,और २८ ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिये,बिना मूल शांति करवाये मूल नक्षत्रों

मूल शांति के उपाय – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Measure the original peace – mool shaanti ke upaay Read More »

Scroll to Top