परिचय :
कभी सिर्फ यकृत (जिगर) के बढ़ने से या यकृत (जिगर)-प्लीहा दोनों के बढ़ने से अथवा हाथ-पैर सूखते रहने के साथ-साथ पेट भी बढ़ता जाता है। इसमें बच्चों को कभी-कभी तो बहुत ज्यादा भूख लगती है और कभी-कभी कुछ खाने का मन ही नहीं करता है। दिन पर दिन बच्चा कमजोर होता चला जाता है। कभी-कभी खून की कमी से या गंदा पानी पीने से भी पेट बड़ा हो जाता है।
विभिन्न औषधियों से उपचार:
तेजपत्ता:
लगभग 1 से 3 ग्राम तेजपात (तेजपत्ता) का चूर्ण देने से बच्चों के सभी रोगों में आराम आता है।
रतनपुरुष:
बच्चों के सभी तरह के पेट के रोगों में रतनपुरुष की जड़ लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग या पंचांग का फांट 2 से 4 चम्मच सुबह शाम देने से आराम आता है।
भृंगराज:
भृंगराज (धमरा, भंगरैया) के रस में 1 चम्मच घी मिलाकर सुबह शाम बच्चे को पिलाने से बच्चों का पेट फूलना ठीक हो जाता है।