bistar par peshab karna

बिस्तर पर पेशाब करना – घरेलू उपचार – bistar par peshab karna – gharelu upchar

कारण :

बच्चे दिन भर हर समय कुछ न कुछ खाते रहते हैं। बार-बार कुछ खाने से बच्चों की पाचन क्रिया खराब हो जाती है। कुछ बच्चे ज्यादा ठंडे पदार्थ खाते हैं तो कुछ बच्चे ज्यादा गरिष्ठ (भारी) खाने वाले पदार्थो का सेवन करते हैं। गरिष्ठ (भारी) भोजन बहुत देर में पचता है। गरिष्ठ (भारी) भोजन खाने वाले बच्चे रात में सोते समय ज्यादा पेशाब करते हैं। कुछ बच्चे दिन में ज्यादा समय खेलते-कूदते रहते हैं जिसकी वजह से बच्चे बुरी तरह से थक जाते हैं। ऐसे बच्चों को ज्यादा भूख लगती है और वह खाते ही सो जाते हैं। थकावट की वजह से बच्चे रात को सोते हुए बार-बार पेशाब करते हैं। कुछ मां-बाप काम की वजह से बच्चों को खाना देर से खिलाते हैं और फिर बच्चे खाना खाते ही बिस्तर पर चले जाते हैं और सो जाते हैं। इसलिए वह बच्चे रात को बिस्तर पर पेशाब जरूर करते है। कई अनुभवियों के अनुसार स्नायु विकृति के कारण बच्चे रात को सोते हुये बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं। पेट में कीड़े होने पर भी बच्चे सोते हुए बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं। स्नायु विकृति में शरीर में बहुत ज्यादा उत्तेजना होती है। ऐसे में बच्चा सोते हुए पेशाब करने पर काबू नहीं कर पाता और पेशाब कर देता है। पेशाब की नली में रोग के कारण भी बच्चा सोते हुए पेशाब कर देता है।

सावधानी :

रात को सोते समय बच्चे का बिस्तर में पेशाब करने का रोग समाप्त करने के लिये कोई भी औषधि देने से पहले माता-पिता को बच्चे के भोजन की कुछ आदते सुधारनी जरूरी हैं। बच्चे को सोने से 1 घंटा पहले भोजन करा देना चाहिए। बच्चे को सोने के बाद उसे जगाकर कुछ भी खाने और पीने को नहीं देना चाहिए। बच्चे को बिस्तर पर जाने से पहले एक बार पेशाब जरूर करा देना चाहिए।

विभिन्न औषधियों से उपचार:

तिल:

तिल और गुड़ को एक साथ मिलाकर बच्चे को खिलाने से बच्चे का बिस्तर पर पेशाब करने का रोग समाप्त हो जाता है। तिल और गुड़ के साथ अजवायन का चूर्ण मिलाकर खिलाने से भी लाभ होता है।

आंवला:

लगभग 10-10 ग्राम आंवला और काला जीरा लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में इतनी ही मिश्री पीसकर मिला लें। यह 2-2 ग्राम चूर्ण रोजाना पानी के साथ खाने से बच्चे का बिस्तर में पेशाब करना बंद हो जाता है।
आंवले को बहुत अच्छी तरह से बारीक पीसकर कपड़े में छानकर चूर्ण बना लें। यह 3-3 ग्राम चूर्ण रोजाना शहद में मिलाकर बच्चों को सुबह-शाम चटाने से बच्चे बिस्तर में पेशाब करना बंद कर देते हैं।

मुनक्का:

रोजाना 5 मुनक्का खाने से बच्चे का बिस्तर में पेशाब करने का रोग दूर होता है।
 

बिस्तर पर पेशाब करना – bistar par peshab karna – घरेलू उपचार – gharelu upchar

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