भारत में सालों से ही बाल विवाह होता आ रहा है लेकिन पश्चिमी सभ्यता हावी होने पर लोगों के विचारों में बदलाव आया और शादी करने की उम्र बढ़ी और सामान्यतया लोग 20 से 30 की उम्र के बीच में शादी करने लगे। भारत के कानून में विवाह के लिए निर्धार्रित उम्र 18 है लेकिन कई इलाके ऐसे भी हैं जहां पर अभी भी बाल विवाह हो रहे हैं। घरवालों के दबाव में बच्चे शादी तो कर लेते हैं लेकिन वो इसके लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होते हैं। भारतीय श्रम कल्याण विभाग ने बाल विवाह को रोकने के लिए कई कदम उठाए। कम उम्र में शादी करने से लडके और लडकियों का उचित विकास नहीं हो पाता साथ ही समय से पहले परिवार की जिम्मेदारी उठाने में दिक्कत आती है जिसके लिए वो तैयार नहीं होते हैं।
कम उम्र में शादी के फायदे
- कम्र उम्र में शादी करने से लडका और लडकी एक दूसरे के साथ ज्यादा समय व्यतीत करते हैं जिससे जीवनसाथी को समझने में आसानी होती है।
- कम उम्र में शादी करने से सेक्स की जरूरत को पूरा किया जा सकता है।
- कम उम्र में शादी होने से लडकी आसानी से अपने पति के घर में घुल−मिल जाती है और परिवार के सभी सदस्यों को जानने का उसे पूरा समय मिल जात है।
- कम उम्र में शादी करने से बच्चे भी जल्दी पैदा हो जाते हैं जिससे बच्चों के कैरियर को सही दिशा दी जा सकती है।
कम उम्र में शादी के नुकसान
- कम उम्र में शादी करने के बाद आदमी को अपने व्यक्तितत्व के विकास के लिए पर्याप्त समय मिल पाता है।
- आदमी के कंधे पर समय से पहले ही पारिवारिक जिम्मेदारी आने की वजह से वह उनका निर्वाह नहीं कर सकता है।
- कम उम्र में शादी करने से एजुकेशन पूरी नहीं हो पाती है। पारिवारिक जिम्मेदारी होने से लडकियां अक्सर अपनी पढाई बीच में ही छोड देती हैं।
- कम उम्र में शादी होने के बाद पारिवारिक जिम्मेदारी होने से आदमी या औरत अपना पूरा ध्यान कैरियर या व्यवसाय पर नहीं लगा सकते हैं।
- कैरियर का विकास होने से पहले शादी कम उम्र में हो जाए तो आप अपने परिवार की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं।
- स्त्रीं और पुरूष दोनों उम्र के साथ सामाजिक स्थितियों को समझने में आधिक परिपक्व नहीं हो पाते हैं।
- महिलाएं जो समय से पहले गर्भवती हो जाती हैं उनको कई समस्याएं शुरू हो जाती हैं। महिलाओं को प्रसूति संबंधित कई रोग शुरू हो जाते हैं।
- स्त्रियों को कम उम्र में ही बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी उठानी पडती है जिसके लिए वह तैयार नहीं होती है।
- पारिवारिक जरूरते न पूरी होने पर घरेलू कलह बढते हैं जिसकी वजह से तनाव रहता है।
गांवों में शिक्षा का स्तर बहुत कम है और शादियां बचपन में ही हो जाती हैं। कम उम्र में शादी से आदमी और औरत दोनों की समझ कम होती है और वे फैमिली प्लानिंग पर ध्यान नहीं देते हैं जो कि जनसंख्या में बढोतरी का प्रमुख कारण है।