वास्तुअनुसार दुकान का आकार
वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत अधिक महत्व बताया गया है फिर चाहे वो घर के संदर्भ में हो ऑफिस या फिर दूकान के| दूकान या व्यापार वो जगह या स्थान है जहाँ पर आप अपने पेशे और व्यापार के लिए काम करते हैं. ये एक ऐसा स्थान है जहाँ पर धन सृजन के साथ-साथ प्रतिष्ठा और महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति भी की जाती है. ऐसे में इसका आकार ख़ास महत्व रखता है आइये जानते है वास्तु अनुसार दूकान का आकार कैसा होना चाहिए. चारों कोनो से समान वर्गाकार तथा आयताकार दुकानें वास्तु के अनुसार शुभ मानी गयी है. सभी कोनो की अलग-अलग लंबाई-चौड़ाई या किसी कोने का अधिक निकला होना शुभ नहीं होता क्योकि ऐसी दुकाने मालिक मानसिक परेशानी का कारण बन सकती है. वास्तुअनुसार जो दुकान या व्यापारिक प्रतिष्ठान आगे की ओर कम चौड़ी और पीछे की ओर ज्यादा चौड़ी होती है तो इसे गौमुखी दुकान कहा जाता है। वास्तु की दृस्टि से ऐसी दुकाने ठीक नहीं मानी जाती है क्योकि इनमें धन की आवक कम रहती है। जो दुकान आगे की ओर अधिक चौड़ी और पीछे कम चौड़ी होती है उसे सिंहमुखी दुकान कहा जाता है। ऐसी दुकाने बिजनेस की दृस्टि से लाभकारी होती है और खूब धनलाभ कराती है. ”
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