वास्तुअनुसार स्टडी रूम की दिशा
वास्तुशास्त्र अनुसार यदि स्टडी रूम सही दिशा में न हो, तो बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है. वास्तु दोष के कारण सफलता नहीं मिल पाती है आइये जानते है वास्तु नियमों के अनुसार बच्चों के पढ़ने के कमरे से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स. भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार अध्ययन कक्ष हमेशा ईशान कोण में ही पूजागृह के साथ पूर्व दिशा में होना चाहिए। प्रकाश की ऊर्जा ही घर में सकारात्मकता लाती है, लिहाजा पूरब दिशा में स्टडी रूम काफी प्रभावी माना जाता है। भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार बुध, गुरू, शुक्र एवं चंद्र चार ग्रहों के प्रभाव वाली पश्चिम-मध्य दिशा में अध्ययन कक्ष का निर्माण करने से अति लाभदायक सिद्ध होती है। अध्ययन कक्ष दक्षिण आग्नेय व नैऋत्य या उत्तर-वायव्य में नहीं होना चाहिए। खिड़की या रोषनदान पूर्व-उत्तर या पश्चिम में होना अति उत्तम माना गया है। दक्षिण में यथा संभव न ही रखें। दक्षिण व दक्षिण-पूर्व दिशा में स्टडी रूम न बनाएं, यह तनाव का कारण बन सकता है. ”
दिशा व स्थान का वास्तु – disha va sthan ka vastu – प्लाट का वास्तु – plot ka vastu