रसोईकक्ष में गैससिलेंडर या अन्य भारी सामान दक्षिण में रखना चाहिए। यदि रसोईकक्ष पश्चिम वायव्य दिशा में है तो गैससिलेंडर पश्चिम दिशा के मध्य में रखना उचित रहता है। खाली एवं अतिरिक्त गैससिलेंडर आदि नैऋत्य कोण में रखे जाते हैं। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि गैस सिलेंडर को स्लैब के नीचे गैस चूल्हे से जोड़कर इस प्रकार रखा जाए, जिससे गैस चालू करते या बंद करते समय रेगुलेटर की ‘नाँब’ घुमाने के लिए पर्याप्त जगह रहे। गैस ट्यूब स्टेंडर्ड कंपनी का होना चाहिए और समय-समय पर उसे बदलते रहना चाहिए। गैस चूल्हा स्लैब पर आग्नेय क्षेत्र के पूरब में रखना चाहिए। यदि एक से अधिक गैस कनेक्शन हों, तो मुख्य गैस चूल्हे को, जो अधिकतर प्रयुक्त होता है, उसे आग्नेय क्षेत्र के पूरब में तथा अन्य गैस चूल्हें को जा कभी-कभी ही काम में लाए जाते हैं, आग्नेय क्षेत्र के दक्षिण में रखना चाहिए।
रसोईकक्ष में गैससिलेंडर – rasoi kaksh mein gas cylinder – वास्तु और कक्ष दशा – vastu aur kaksha dasham