आज फिर हम फेंग्शुर्इ के सबसे लोकप्रिय गैजेट यानी लाफिंग बुद्धा की चर्चा करने जा रहे हैं। आप में से ज्यादातर लोगों ने लाफिंग बुद्धा को लेकर जिज्ञासाएं प्रगट की हैं। तो आइए, जानते हैं फेंग्षुर्इ के इस चमत्कारी गैजेट के बारे में कुछ अनजाने पहलू। बुद्धा के हसंते हुए चेहरे को खुषहाली का खुला द्वार समझा जाता है। संपतित के इस देवता की पूजा-आराधना नहीं की जाती। घर में इनकी स्थापना से ही घर-परिवार में धन-दौलत का आगमन निषिचत माना जाता है।
लाफिंग बुद्धा क्या है और कैसा होता है, यह बताने की आवश्यकता शायद नहीं है। चाहे बात सजावट की हो या फेंग्षुर्इ उपायों की, लाफिंग बुद्धा सर्वाधिक लोकप्रिय गैजेट बन चुका है। यह बात और है कि आज भी ज्यादातर लोग पोटली थामे हुए बुद्धा को ही अधिक तरजीह देते हैं या कहिए कि बुद्धा के इसी रूप से वे अधिक परिचित हैं। परन्तु हम आपको बता दें कि लाफिंग बुद्धा के और भी अनेक रूप हैं, जो धन-संपदा के अलावा दीर्घायु और आरोग्य भी प्रदान करते हैं।
अगर परिवार का कोर्इ सदस्य लंबे समय से बीमार चल रहा है या घर से बीमारी जाने का नाम नहीं ले रही है और बीमारी का ठीक-ठीक कारण भी पता नहीं चल पा रहा है, तो इसके लिए हाथ में वू-लू लिए हुए लाफिंग बुद्धा को घर में स्थापित करना चाहिए। आपको बता दें कि वू-लू फेंग्शुर्इ का एक ऐसा गैजेट है, जिसका सीधा संबंध दीर्घायु और आरोग्य से है, लेकिन अगर इसे लाफिंग बुद्धा ने हाथ में थामा हुआ है तो इसका प्रभाव कर्इ गुणा बढ जाता है। इसलिए अगर आप आरोग्य और दीर्घायु की कामना करते हैं, तो इस वू-लू लिए हुए लाफिंग बुद्धा को अपने घर अवश्य ले आएं।
बच्चे परिवार का सबसे अहम हिस्सा होते हैं। बच्चे न हों, तो सब कुछ होकर भी अधूरा लगता है। संतान सुख की कामना को पूरा करने में और बच्चों की सही परवरिश में भी लाफिंग बुद्धा चमत्कारी प्रभाव देता है। षायद आपने देखा होगा ऐसे लाफिंग बुद्धा को जो शिशुओं से घिरा हुआ हो। अगर आप संतान सुख से वंचित हैं या अपनी संतान की परवरिश को लेकर चिंतित रहते हैं तो शिशुओं से घिरे हुए लाफिंग बुद्धा को घर ले आएं। यह आपकी कामना पूर्ति में मददगार होगा।
साधारणत: लाफिंग बुद्धा सभी जगह आसानी से मिल जाते हैं। इनका मोटा पेट संपन्नता का प्रतीक है। इनके पेट को छूने की भी प्रथा है। बहुत से लोग इ से चाबी के छल्ले में भी लगाते हैं।
लाफिंग बुद्धा को घर व आफिस में कहीं भी रख सकते हैं, पर इन्हें कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए। चाहे आकार कितना भी बड़ा हो। इन्हें लकड़ी के प्लेटफार्म या छोटे स्टूल या तिपाही पर रख सकते हैं। इनहें ड्राइंगरूम मे किसी भी दिषा में रखा जा सकता है। इन्हें इस प्रकार रखा जाना चाहिए कि हंसता हुआ चेहरा हर आने-जाने वाले को दिखार्इ पड़े। ध्यान रहे, इन्हें बेडरूम, बाथरूम व डायनिंग टेबल पर न रखें।
जिस प्रकार हिन्दुओं में भगवान कर्इ अवतार लेते हैं, उसी प्रकार लाफिंग बुद्धा के भिन्न-भिन्न रूप विभिन्न अवतारों की तरह है। सभी का वर्णन करना तो मुश्किल है, परन्तु यहां लाफिंग बुद्धा के कुछ और रूपों पर चर्चा की जा रही है।
• पीठ पर धन की पोटली लिए हुए: बहुत से घरों में पैसा आता है, किंतु संचित नहीं हो पाता, अर्थात बरकत नहीं होती। इसके लिए इन्हें घर में रखा जाता है।
• दोनों हाथों से कमंडल ऊपर उठाए हुए: जब भाग्य साथ न दे पा रहा हो, घर में पैसे का अभाव हो, तब आर्थिक तंगी दूर करने के लिए इन्हें रखते है।
• इनगोट (कमंडल) में बैठे हुए: अचानक धन का लाभ पाने के लिए, जैसे लाटरी या शेयर में फायदा, नौकरी में तरक्की, चारों तरफ से खुषियों की बौछार तथा बेशुमार धन-संपदा की बरसात हो, इसके लिए इनगोट बुद्धा को रखा जाता है।
• एक हाथ में सिक्के तथा एक हाथ में रूइब लिए हुए: रूइब को छूकर किसी भी शुभ कार्य पर जाना अच्छा माना जाता है।
• ड्रेगन पर बैठे हुए: इस बुद्धा को दिव्य षकितयों का स्वामी माना जाता है। घर व आफिस दोनां जगह इन्हें लगाना अच्छा रहता है।
इस प्रकार लाफिंग बुद्धा दीर्घायु, करियर, धन, आरोग्य, खुषी व संतान की खुषहाली में सहायक होते हैं। मार्केट में लाफिंग बुद्धा रेक्सीन, कांच (ग्लास) मैटल आदि के बने मिलते हैं। मैटल के बुद्धा घर में नहीं रखने चाहिए। इससे धातु तत्व बढ़ जाता है।
लाफिंग बुद्धा का गिफट लेना व देना शुभ माना जाता है, किन्तु इसे आप स्वयं भी खरीद सकते हैं। यह मात्र भ्रम है कि लाफिंग बुद्धा गिफटेड ही होना चाहिए।
दुर्भाग्यवयर जिस प्रकार हमने गणपति व नटराज की मूर्तियों को शो-पीस बना कर ड्राइंगरूम में सजा लिया है, उसी प्रकार लाफिंग बुद्धा को भीर डेकोरेटिव पीस बना दिया गया है। आपको किसी भी प्रकार के लाफिंग बुद्धा मिलें, उसका अर्थ जानने की परवाह किए बिना उन्हें श्रद्धापूर्वक घर में स्थान दें। घर में लाफिंग बुद्धा की उपस्थितिशुभ मानी जाती है।
दीर्घायु एवं आरोग्य भी देता है लाफिंग बुद्धा – deerghayu evan aarogya bhi deta hai laughing buddha – वास्तु और स्वास्थ्य – vastu aur swasthya