मिट्टी का चूल्हा किस दिशा में होना चाहिए: वास्तु विज्ञान में रसोई और चूल्हे का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी वजह है कि घर में रहने वाले लोगों को भोजन और ऊर्जा मिलती है। यदि आप सकारात्मक ऊर्जा को स्वीकार करते हैं तो आप विकसित होंगे और यदि आप नकारात्मक ऊर्जा को स्वीकार करते हैं तो आपके मन और मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिसका आपके जीवन पर अलग-अलग प्रभाव हो सकता है।
इसलिए कहा जाता है कि भोजन बनाते समय गृहिणी को हमेशा सकारात्मक ऊर्जाओं की दिशा में सामना करना चाहिए, इससे खाना बनाते समय मन में सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है। जो भोजन को बेहतर बनाता है, उसका प्रभाव भी अच्छा और शुभ होता है। आइए ज्योतिषी और वास्तुविद दीपा गुप्ता से समझते हैं कि वास्तु के सभी 16 दिशाओं में गैस चूल्हा रखने के परिणाम क्या हैं।
मिट्टी का चूल्हा किस दिशा का महत्व
जिसमें कल हमने आपको बताया था कि वास्तु के अनुसार, किस दिशा में किचन का निर्माण उचित है, आज हम आपको बताएंगे कि किस दिशा में किचन में स्टोव, ओवन या अन्य चीजें रखना उचित माना जाता है। रसोई में, स्टोव, बर्नर, स्टोव या ओवन को अग्नि कोण में या पिछले शो में रखना उचित माना जाता है।
माल को स्लैब पर इस तरह रखें कि खाना बनाते समय मुंह पूर्व की ओर हो। रसोई में, वॉशबेसिन उत्तर पूर्व में, पश्चिम दिशा में फ्रिज और आग्नेय कोण में हीटर स्थापित किया जाना चाहिए। वही मिक्सी, टोस्टर और ऐसी वस्तुओं को उत्तर पश्चिम में रखा जाना उपयुक्त माना जाता है। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि पूजा कक्ष, बेडरूम, टॉयलेट और बाथरूम के ऊपर या नीचे कभी भी किचन नहीं बनवाना चाहिए।
मिट्टी का चूल्हा किस दिशा में होना चाहिए
वास्तु के अनुसार, गैस स्टोव जिस दिशा में रखा जाता है, वह दक्षिण-पूर्व (अग्नेय कोण) के देवता अग्नि देव है । इस दिशा में गैस चूल्हा रखने से घर में बरकत बनी रहती है। साथ ही, गैस या आग से संबंधित दुर्घटनाओं की संभावना नगण्य है।
In which direction face of mitti ke chulkah should be
वास्तु के अनुसार, गैस स्टोव जिस दिशा में रखा जाता है, वह दक्षिण-पूर्व (अग्नेय कोण) के देवता अग्नि देव है ।