कहते हैं यदि मकान वास्तु के अनुसार बना हो तो घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है।
घर में पूजास्थल एक ऐसी जगह होती है जहां व्यक्ति पूजा-पाठ आदि के माध्यम से शांति प्राप्त करता है।
यदि पूजा घर वास्तु के अनुसार ना हो तो उस घर में कभी शांति नहीं मिलती है। वहां की गई पूजा का सकारात्मक परिणाम नहीं मिलता।
अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहे, तो इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें- – पूजा घर के नजदीक और ईशान कोण यानि उत्तर-पूर्व में झाड़ू, कुड़ेदान, पोंछा आदि ना रखें। संभव हो तो पूजा घर को साफ करने के झाड़ू-पोछा अलग रखें। इससे घर में बरकत होती है।
– शयनकक्ष में पूजा घर अशुभ होता है। साथ ही किसी विवाहित जोड़े के कक्ष में पूजा घर होना ही नहीं चाहिए। घर में जगह का अभाव हो तो पूजा घर पर पूजा के समय के अतिरिक्त पर्दा डालकर रखें।
– पूजा घर में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, इंद्र और कार्तिकेय का मुख हमेशा पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिये।
– पूजा घर की दीवारों तथा फर्श का रंग सफेद या हल्के पीले रंग का होना चाहिए।
– पूजा घर को हमेशा शुद्ध, साफ एवं पवित्र बनाए रखें। इसमें कोई भी अशुद्ध या अपवित्र वस्तु ना रखें। घर के उत्तर-पूर्व के कोने को हमेशा साफ रखें।
– पूजा घर के नीचे अलमारी बनाकर किसी मुकदमे के कागजात रखने से मुकदमे में विजय होने की संभावना बढ़ जाती है। पूजा में इन बातों का ध्यान रखें और पाएं वास्तुदोष से मुक्ति
वास्तुदोषों का निवारण वास्तु शास्त्र के नियम अनुसार मकान में तोडफ़ोड़ करवाकर किया जा सकता है, लेकिन ऐसा सभी के लिए संभव नहीं होता है। ऐसे में क्या आप जिन्दगी भर छोटे-छोटे वास्तुदोषों के कारण परेशान होते रहेंगे? आप सोच रहे होंगे कि इसका और क्या उपाय हो सकता है। उपाय है, यदि आप अपने पूजा के नियम में थोड़ा बदलाव कर लें तो आपको अनेक तरह के वास्तुदोषों से मुक्ति मिल सकती है।
– घर में सुबह-शाम पूजा करते समय तीन बार शंख बजाएं। इससे घर से नकारात्मक उर्जा बाहर चली जाती है।
– रोज घर के पूजास्थल पर घी का दीपक जलाएं।
– अपने घर उत्तर- पूर्व के कोने मे या घर का मध्य भाग जिसे ब्रम्ह स्थान भी कहते है वहां स्फटिक श्रीयंत्र की स्थापना शुभ मुहूर्त में करें।
– सुबह के समय कंडे पर थोड़ी गुग्गल डालकर रखें और ऊं नारायणाय नम: इस मंत्र का जप करें।
– अब गुग्गल से जो धुआं निकले उसे घर के हर कमरे में जाने दे। इससे घर की नकारात्मक उर्जा खत्म होगी और वास्तुदोषों का नाश होगा।
– शाम के समय घर में सामुहिक रूप से सभी परिवार के सदस्य आरती करें।
– सुबह के समय थोड़ी देर तक रोज गायत्री मंत्र या अन्य किसी मंत्र की धुन घर में चलने दें। मूर्ति दूर करेगी वास्तुदोष… वास्तु का शमन करने के लिए आदि काल से ही गणेश जी की वंदना की जाती रही है। गणेश जी को बुध ग्रह से संबंधित माना जाता है। गणेश जी की पूजा-अर्चना के बिना वास्तु देव की संतुष्टी संभव नहीं है। अगर आपके मकान में वास्तु दोष है, तो उसकी शांति के या निवारण के लिए नीचे लिखे उपाय को अपनाए।
– मकान के मुख्य द्वार पर एकदंत गणेश की प्रतिमा लगाकर उसके ठीक दूसरी ओर उसी स्थान पर दूसरी गणेश जी की मुर्ति इस प्रकार लगाएं कि दोनों प्रतिमाओं की पीठ आपस में मिल रहे।
– वास्तुदोष से प्रभावित मकान के किसी भाग में मिश्रित सिंदूर से दीवार पर स्वस्तिक बनाने से वास्तु दोष दूर होता है। – सुख-शांति समृद्धि के लिए घर में सफेद रंग के विनायक की प्रतिमा लगाएं।
– मकान में बैठे गजानन और ऑफिस में खड़े गजानन का चित्र लगाएं।
वास्तुदोष दूर करने के लिए गणेश जी की बांयी हाथ की ओर सूंड मुड़ी हुई हो तो कल्याणकारी और वास्तुदोष को दूर करने वाली है।
– मकान के ब्रम्हा्र स्थल मे दिशा व ईशान में विघ्रहर्ता विनायक की प्रतिमा लगाएं। इससे अनेक वास्तुदोष का निवारण स्वत: हो जाएगा।
– गणेश जी की प्रतिमा के सूंड में मोदक का होना शुभ है लेकिन ध्यान रहे प्रतिमा नैऋत्य या दक्षिण दिशा में ना लगाएं।
ऐसा पूजा घर देता है सुख-शांति से भरपूर जीवन – aisa pooja ghar deta hai sukh-shanti se bharpur jeevan – वास्तु शास्त्र के अनुसार घर – vastu shastra ke anusar ghar