दरवाजे घर का मुख्य भाग होते हैं क्योंकि नकारात्मक व सकारात्मक ऊर्जा यहीं से घर में प्रवेश करती व बाहर निकलती है। वास्तु शास्त्र में दरवाजों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
नीचे दरवाजे से संबंधित कई उपयोगी वास्तु टिप्स दिए गए हैं-
1- दरवाजे खोलते व बंद करते समय आवाज नहीं आना चाहिए । इससे एकाग्रता भंग होती है।
2- दरवाजा स्वत: खुलने व बंद होने वाला नहीं होना चाहिए।
3- मुख्य द्वार पर कोई मांगलिक या शुभ चिन्ह बनवाया जा सकता है।
4- घर के कुल दरवाजों की संख्या यदि सम संख्या में हो तो शुभ माना जाता है।
5- दो भवनों के मुख्य द्वार एक-दूसरे के ठीक सामने न हो।
6- दरवाजे उत्तर व पूर्व दिशा में अधिक रखने चाहिए ताकि हवा प्रकाश व ऊर्जा का संचार पर्याप्त हो सके।
7- प्रवेश द्वार अंदर की ओर खुलना चाहिए।
8- पूर्व अथवा उत्तरमुखी भवनों में चारदीवारी की ऊंचाई पूर्व या उत्तर में मुख्य द्वार से कम होनी चाहिए तथा पश्चिम या दक्षिणमुखी भवनों की चारदीवारी भवन के मुख्य द्वार से ऊंची, बराबर अथवा नीची रखी जा सकती है।
दरवाजे की आवाज अशुभ क्यों? – daravaaje kee aavaaj ashubh kyon? – वास्तु शास्त्र के अनुसार घर – vastu shastra ke anusar ghar