फैक्टरी में कच्चा तथा तैयार माल रखने के लिए स्टोर रूम अवश्य होते हैं। यदि तैयार माल रखने वाला स्टोर रूम वास्तु सम्मत नहीं है तो इसका प्रभाव फैक्टरी की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है।
फैक्टरी व कारखानों में इन बातों का भी ध्यान रखें-
1- तैयार माल का भण्डारण (स्टोर) वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम)में करें। किसी अन्य दिशा में स्टोर रूम बनाने से फैक्टरी की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
2- अर्द्ध निर्मित माल का भण्डारण पश्चिमी भाग में करें।
3 – कमरे के मुख्य द्वार के सामने बैठक कदापि न करें।
4- भारी मशीनों की स्थापना दक्षिण अथवा नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) में करनी चाहिए। हल्की मशीनें उत्तर या वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में लगाई जा सकती है।
5- यदि नैऋत्य (पश्चिम-दक्षिण) में भण्डारण करना पड़े तो उसे सदैव भरा हुआ रखें।
6- फैक्ट्री के भूखण्ड के पूर्व में ऊंचे-ऊंचे टीले अथवा दक्षिण-पश्चिम में ठीक न की जा सकने वाली खाइयां नहीं होनी चाहिए।
7- जल व्यवस्था के लिए कुआं, बोरिंग, ट्यूब वैल, स्वीमिंग पुल आदि उत्तर, पूर्व या ईशान (उत्तर-पूर्व) में खुदवाना चाहिए।
8- बोरिंग व बाउण्ड्री वॉल के बीच कम से कम तीन फुट का फासला होना चाहिए।
किस दिशा में हो फैक्टरी का स्टोर रूम? – kis disha mein ho phaiktari ka storeroom? – वास्तु शास्त्र के अनुसार घर – vastu shastra ke anusar ghar