वास्तुशास्त्र

vastu shastra : vaidik kal kare

वास्तु शास्त्र : वैदिक काल कार्य – वास्तुशास्त्र – vastu shastra : vaidik kal kare – vastu shastra

प्राचीन काल में ब्रह्मा नेविश्व की सृष्टि से पूर्व वासतु की सृष्टि की तथा लोकपालों की कल्पना की। ब्रह्मा ने जो मानसी सृष्टि की उसे मूर्त रूप देने हेतु विश्वकर्मा ने अपने चारों मानस पुत्र जय, विजय, सिद्धार्थ व अपराजित को आदेशित करते हुए कहा कि ‘मैंने देवताओं के भवन इत्यादि (यथा इन्द्र की अमरावती) […]

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vaastu shaastr ka maanav jeevan rahasy

वास्तु शास्त्र का मानव जीवन रहस्य – वास्तुशास्त्र – vaastu shaastr ka maanav jeevan rahasy – vastu shastra

वास्तुशास्त्र जीवन के संतुलन का प्रतिपादन करता है। यह संतुलन बिगड़ते ही मानव एकाकी और समग्र रूप से कई प्रकार की कठिनाइयों और समस्याओं का शिकार हो जाता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार पंचमहाभूतों- पृथ्वी ,जल , वायु , अग्नि और आकाश के विधिवत उपयोग से बने आवास में पंचतत्व से निर्मित प्राणी की क्षमताओं को

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vastu shastra tips

वास्तु शास्त्र टिप्स – वास्तुशास्त्र – vastu shastra tips – vastu shastra

1. प्रवेश द्वार के ठीक सामने झाडू नही रखना चाहिए अपितु ऐसी जगह रखना चाहिए जहां घर के सदस्यों के अतिरिक्त किसी को नजर न आवे झाडू को उल्टा नही रखना चाहिए। 2. प्रवेश द्वारा के ठीक सामने कचना पात्र व जूते चप्पल न रखें इससे धन आगमन बाधित होता है। 3. ईशान कोण देवताओं

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vastu shastra mein ishan kon ka mahatva

वास्तु शास्त्र में ईशान कोण का महत्व – वास्तुशास्त्र – vastu shastra mein ishan kon ka mahatva – vastu shastra

जमीन के उत्तर-पूर्व कोने को ईशान कोण कहा जाता है। यह माना जाता है कि इस कोण पर देवताओं और आध्यात्मिक शक्ति का वास रहता है। इसलिए यह घर का सबसे पवित्र कोना होता है।भगवान शिव का एक नाम ईशान भी है। चूंकि भगवान शिव का आधिपत्य उत्तर-पूर्व दिशा में होता है इसीलिए इस दिशा

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bhoomi kee pareeksha

भूमि की परीक्षा – वास्तुशास्त्र – bhoomi kee pareeksha – vastu shastra

पहले भूमि की परीक्षा कर फिर बाद में वहाँ गृह का निर्माण करना चाहिये। श्वेत, लाल, पीली और काली- इन चार वर्णों वाली पृथिवी क्रमश: ब्राह्मणादि चारों वर्णों के लिये प्रशंसित मानी गयी है। इसके बाद उसके स्वाद की परीक्षा करनी चाहिये। ब्राह्मण के लिये मधुर स्वाद वाली, क्षत्रिय के लिये कड़वी, वैश्य के लिये

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vastu aur vigyan

वास्तु और विज्ञान – वास्तुशास्त्र – vastu aur vigyan – vastu shastra

सूर्य की ऊर्जा को अधिक समय तक भवन में प्रभाव बनाए रखने के लिए ही दक्षिण और पश्चिम भाग की अपेक्षा पूर्व एवं उत्तर के भवन निर्माण तथा उसकी सतह को नीचा रखे जाने का प्रयास किया जाता है। प्रात:कालीन सूर्य रशिमयों में अल्ट्रा वॉयलेट रशिमयों से ज्यादा विटामिन ”डी” तथा विटामिन ”एफ” रहता है।

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vastu aur hum

वास्तु और हम – वास्तुशास्त्र – vastu aur hum – vastu shastra

वास्तु विज्ञान और ज्योतिष शास्त्र एक ही गाड़ी के दो पहिये है ! इंसान के जीवन की कुछ समस्याएं ज्योतिष दूर कर सकता है और कुछ वास्तु शास्त्र ! जो लोग इसे जानते नहीं है वे यकीन नहीं करेगे पर सही अर्थों में वास्तु को जाने वाला आप के बिना बताये ही ,केवल आप के

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vastu tips : 20 upyogi baten

वास्तु टिप्स : 20 उपयोगी बातें – वास्तुशास्त्र – vastu tips : 20 upyogi baten – vastu shastra

पवन घंटियां (विंड चाइम) घर में सौभाग्य बढ़ाने का अद्भुत स्रोत हैं। पवन घंटियां बैठक तथा घर में स्थापित मंदिर के दरवाजे पर लटकाने से शुभ्रता प्रदान करती है। व्यावसायिक कार्यालयों में दक्षिण दिशा में संस्थान के मालिक की फोटो लगाएं। पूर्वजों के चित्र उत्तर-पश्चिम में रखें, तो ज्यादा अच्‍छा होगा। अलमारी या कपड़ों की

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vastu dosh nivaran yantra.

वास्तु दोष निवारक यन्त्र। – वास्तुशास्त्र – vastu dosh nivaran yantra. – vastu shastra

सिद्ध गणपति स्थापना।पिरामिड यन्त्र। ४दृ हरे पौधे।५दृ दर्पण। ६दृ प्रकाश। ७दृ शुभ चिन्ह। ८दृ जल। ९दृ क्रिस्टल बाल। १०दृ रंग।११दृ घंटी। १२दृ बांसुरी ।१३दृ स्वास्तिक यन्त्र। १४दृ वास्तुशांति हवन।१५दृ मीन। १६दृ शंख। १७दृ अग्निहोत्र।हमारे पहले वास्तु दोषों को समझना होगा ये निम्न प्रकार के होते हैं :-१दृ भूमि दोष :- भूमि का आकार, ढ़लान उचित

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nae makan ke liye jaroori vastu tips

नए मकान के लिए जरूरी वास्तु टिप्स – वास्तुशास्त्र – nae makan ke liye jaroori vastu tips – vastu shastra

यदि आपका प्लॉंट वर्गाकार है, तब उसमें आगे की जगह छोड़ते हुए पीछे की तरफ मकान बनाना चाहिए। यदि आपका प्लॉंट आयताकार है, तब उसमें मकान आगे ही बनाना चाहिए। यदि आपका टेपरिंग प्लॉंट है, तब भी उसमें आयताकार प्लॉंट की तरह ही मकान बनाएं तथा बिलकुल पीछे दोनों कोनों पर एक-एक तेज लाइट लगाएं।

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