वास्तुशास्त्र

naya ghar shubh hoga ya ashubh

नया घर शुभ होगा या अशुभ – वास्तुशास्त्र – naya ghar shubh hoga ya ashubh – vastu shastra

नया घर बाँधने या नया फ्लैट लेने से पहले यह जान लेना नितांत जरूरी है कि वह घर आपके लिए उन्नतिकारक होगा या नहीं। इस हेतु घर की ‘आय व व्यय’ की गणना की जाती है। आय की गणना : घर का क्षेत्रफल निकालें। इस क्षेत्रफल को 8 से भाग दें। जो संख्‍या बाकी रहे […]

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panchmahabhoot ka mahatva

पंच महाभूतों का महत्व – वास्तुशास्त्र – panchmahabhoot ka mahatva – vastu shastra

दर्शन, विज्ञान एवं कला से संबंधित प्राय सभी शास्त्र यह मानते है कि मानव सहित सभी प्राणी पंचमहाभूतों से बने हैं। अत: मानव का तन, मन एवं जीवन इन महाभूतों के स्वत: स्फूर्त और इनके असन्तुलन से निश्क्रिय सा हो जाता है। वास्तु शास्त्र में इन्हीं पॉंच महाभूतों का अनुपात में तालमेल बैठाकर प्रयोग कर

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bina tod-fod ke vastu sudhar

बिना तोड़-फोड़ के वास्तु सुधार – वास्तुशास्त्र – bina tod-fod ke vastu sudhar – vastu shastra

आजकल पूर्व निर्मित गृह को वास्तु अनुसार करने हेतु तरह-२ की सलाह दी जाती है जो ठीक जो है लेकिन उसको कार्य रूप देना हर परिवार या इंसान के लिए एक कठिन कार्य हो गया है। जैसा कि विज्ञान ने आज बहुत ज्यादा उन्नति कर ली है उसी तरह वास्तु विज्ञान में भी आज बिना

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bhawan nirman mein vastu shastra

भवन निर्माण में वास्तुशास्त्र – वास्तुशास्त्र – bhawan nirman mein vastu shastra – vastu shastra

वास्तु की दृष्टि से भवन निर्माण के समय पाँच प्राकृतिक तत्वों का ठीक अनुपात रखें तो हर तत्व का हम समुचित लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इनमें भी जल व अग्नि का महत्व सबसे अधिक है। फिर भी इससे दूसरे तत्वों का महत्व कम नहीं होता। जल तत्व से घर की शांति बनी रहती है।

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grah pravesh se pehle jaroori hai

गृह प्रवेश से पहले जरूरी है – वास्तुशास्त्र – grah pravesh se pehle jaroori hai – vastu shastra

क्या आप नए घर में प्रवेश करने जा रहे हैं? आप चाहते हैं कि नए घर में आपका जीवन खुशियों से भर जाए,हर परेशानी आपके जीवन को अलविदा कह जाए तो गृह प्रवेश से पहले नीचे लिखे सभी उपाय जरुर करें इससे आपका नया घर सकारात्मक उर्जा से भर जाएगा। – वास्तु शांति कराएं, विधिवत

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grahon kee jaanakaaree

ग्रहों की जानकारी – वास्तुशास्त्र – grahon kee jaanakaaree – vastu shastra

1.सूर्य-जन्म के समय सूर्य की स्थिति से जातक की देह, पिता, पराक्रम, धन, प्रसिध्दि व आसक्ति का विचार किया जाता है। यह पित्त प्रधान है। 2. चंद्र – यह वात व कफ प्रधान है। इसकी स्थिति से बुध्दि, मानसिक अवस्था, व्यावहारिक ज्ञान, माता, राय सुख व संचार सुख का विचार किया जाता है। 3. मंगल

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ghar banana kab prarambh karen?

घर बनाना कब प्रारंभ करें? – वास्तुशास्त्र – ghar banana kab prarambh karen? – vastu shastra

वास्तु शास्त्र में प्राचीन मनीषियों ने सूर्य के विविध राशियों पर भ्रमण के आधार पर उस माह में घर निर्माण प्रारंभ करने के फलों की ‍विवेचना की है। 1. मेष राशि में सूर्य होने पर घर बनाना प्रारंभ करना अति लाभदायक होता है। 2. वृषभ र‍ाशि में सूर्य : संपत्ति बढ़ना, आर्थिक लाभ 3. मिथुन

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darvaje ki sankhya : vastu ke siddhant

दरवाजों की संख्या : वास्तु के सिद्धांत – वास्तुशास्त्र – darvaje ki sankhya : vastu ke siddhant – vastu shastra

वास्तु के सिद्धांतों का परिपालन करते हुए बनाया गया मकान, उसमें निवास करने वालों के जीवन की खुशहाली, उन्नति एवं समृद्धि का पतीक होता है। मकान में दरवाजे अहम भूमिका निभाते हैं। साधारणतया आम इंसान मकान में दरवाजों की संख्या के बारे में भ्रमित रहता है। क्योंकि वास्तु विषय की लगभग सभी पुस्तकों में दरवाजों

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disha ka swami grah

दिशा का स्वामी ग्रह – वास्तुशास्त्र – disha ka swami grah – vastu shastra

पूर्व दिशा का स्वामी सूर्य इस दिशा में भवन शास्त्र के अनुसार उचित प्रकार से बना हो, इस दिशा का विकिरण घर में आता हो, कोई दोष नहीं हो तो उस घर में निवास करने वाले व्यक्तियों को उत्तम स्वास्थ्य, धन-धान्य की प्राप्ति होती है। निर्माण दोषपूर्ण होने पर व्यक्ति इनसे वंचित रहता है। रोगी

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kaun sa samay kis kaam ke liye hota hai shubh?

कौन सा समय किस काम के लिए होता है शुभ? – वास्तुशास्त्र – kaun sa samay kis kaam ke liye hota hai shubh? – vastu shastra

सूर्य, वास्तु शास्त्र को प्रभावित करता है इसलिए जरूरी है कि सूर्य के अनुसार ही हम भवन निर्माण करें तथा अपनी दिनचर्या भी सूर्य के अनुसार ही निर्धारित करें। 1- सूर्योदय से पहले रात्रि 3 से सुबह 6 बजे का समय ब्रह्म मुहूर्त होता है। इस समय सूर्य घर के उत्तर-पूर्वी भाग में होता है।

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