jaane kaise 7 dhaatu se bana kachhua lagata hai khushhali

जानिए कैसे 7 धातु से बना कछुआ लाता है खुशहाली – वास्तु शास्त्र टिप्स – jaane kaise 7 dhaatu se bana kachhua lagata hai khushhali – vastu shastra tips

कछुआ शांत और मंदगति से चलने वाला दीर्घजीवी प्राणी है. कछुए को सनातन धर्म के अनुसार शुभता का प्रतीक माना जाता है. चाईनीज वास्तु अर्थात फेंगशुई में कछुए को शुभता का प्रतीक माना जाता है.

मान्यता है कि कछुए के प्रतीक को घर में रखने से आर्थिक उन्नति होती है तथा घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे घर में रहने वाले सदस्यों की सेहत अच्छी रहती है. वास्तु तथा फेंगशुई में धातु या स्फटिक निर्मित फेंगशुई कछुआ घर में रखते हैं. कछुआ एक प्रभावशाली यंत्र है जिससे वास्तु दोष का निवारण होता है और खुशहाली आती है.
कछुए को रखने के सिद्धांत: कछुए को घर में रखने से कामयाबी के साथ-साथ धन-दौलत का भी समावेश होता है. इसे अपने ऑफिस या घर की उत्तर दिशा में रखें. कछुए के प्रतीक को कभी भी बेडरूम में ना रखें. कछुआ की स्थापना हेतु सर्वोत्तम स्थान ड्राइंग रूम है.
दो कछुओं के प्रतीक एक साथ घर में ना रखें, क्योंकि कछुए के प्रतीक एक साथ होने पर लाभ क्षेत्र बाधित होता है. कछुए की स्थापना हेतु उत्तर दिशा सर्वोत्तम है, क्योंकि शास्त्रों में उत्तर दिशा को धन की दिशा माना गया है.
पूर्व दिशा की ओर भी कछुए के प्रतीक को स्थापित किया जा सकता है. कछुए का मुंह घर के अंदर की ओर रहे. कछुए को सूखे स्थान पर रखने की बजाय किसी बर्तन में पानी भर कर रखें.
सात धातु से बना कछुआ वास्तु दोष दूर करता है और इसकी पूजा की जाती है, यह घर में सद्भाव और शांति देता है. इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए. कछुआ की पीठ पर सात धातु से बना सर्व सिद्धि यंत्र साहस और समृद्धि देता है. इसे उत्तर-पूर्व दिशा में रखें

जानिए कैसे 7 धातु से बना कछुआ लाता है खुशहाली – jaane kaise 7 dhaatu se bana kachhua lagata hai khushhali – वास्तु शास्त्र टिप्स – vastu shastra tips

 

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