रत्नों का पौधा सुनने में भी भले ही काल्पनिक लगे किन्तु वास्तविकता यही है कि चीनी पद्धति में इस पौधे का अधिक महत्व है। यह पौधा तरह-तरह के रत्नों और स्फटिकों का बना होता है। इसमें कई वैरायटीज होती हैं।
– नवरत्न पेड़ नवग्रहों की शांति, सुख तथा पारिवारिक शांति के लिए उपयोग किया जाता है। एमेथिस्ट का पेड़ दिमाग का संतुलन बनाए रखता है। रंग-बिरंगे रत्नों से सजे इस पौधे को यदि घर के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में रखा जाए तो निश्चित रूप से जीविका चलाने वाले व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसे घर में दक्षिण-पूर्व दिशा में भी रखा जा सकता है। इसे व्यवसायिक स्थल पर रखने से सम्पदा मिलती है। इसे बैठक में भी रखा जा सकता है. इसका एक ओर महत्वपूर्ण कार्य नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना भी है।
– चीनी संस्कृति और फेंगशुई में ड्रैगन को बहुत सम्मान दिया जाता है और इसे शुद्ध मानते हैं।
– कई पीढिय़ों से ड्रैगन शक्ति, अच्छे भाग्य और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। ड्रैगन एक कीमती कास्मिक ची बनाता है, जिसे शेंग ची भी कहते हैं, जिससे घर और कार्यस्थल पर भाग्य साथ देता है। डबल ड्रैगन को यूं तो किसी भी दिशा में रखा जा सकता है, लेकिन पूर्व दिशा में रखना सबसे ज्यादा कारगर माना गया है।
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– यह ड्रैगन लकड़ी, सेरेमिक व धातु में उपल्बध है। दो ड्रैगन का जोड़ा समृद्धि का प्रतीक है। इनके पैर के पंजों में ज्यादा मोती सबसे ज्यादा ऊर्जा संजोये है। फेंगशुई में ड्रैगन को चार दिव्य प्राणियों में गिना जाता है। ड्रैगन येंग यानी पुरुषत्व, हिम्मत और बहादुरी का प्रतीक है। लकड़ी के ड्रैगन को दक्षिण- पूर्व या पूर्व में, सेरेमिक, क्रिस्टल के ड्रैगन को दक्षिण- पूर्व, उत्तर-पूर्व वया उत्तर पश्चिम में रखें।
– छात्र इसे अपनी पढ़ाई की टेबल पर रखें। घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में इसे रखने से अच्छे सलाहकार, दोस्त व बढिय़ा नेतृत्व करने वाले साथी मिलेंगे। एक्वेरियम के पास रखने से भाग्य साथ देता है।
खुशहाली के लिए लगाएं रत्नों का पौधा – khushahaalee ke lie lagaen ratnon ka paudha – वास्तु शास्त्र टिप्स – vastu shastra tips