pati-patnee mein hotee hai nok-jhonk

पति-पत्नी में होती है नोक-झोंक, तो ऐसे करें दूर – वास्तु शास्त्र टिप्स – pati-patnee mein hotee hai nok-jhonk, to aise karen door – vastu shastra tips

वास्तु शास्त्र के अनुसार पुरुष यदि आग्नेय के कमरे में शयन करता है, तो उसे अग्नि-तत्व से संबंधित रोग हो सकते हैं। अग्नि-तत्व से संबंधित रोग में उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, हृदयघात होते हैं। ऐसे में पति-पत्नी के आपस में वैचारिक मतभेद उत्पन्न होते हैं।

शयनकक्ष यदि दक्षिण-पूर्व में हो तो पति-पत्नी के बीच अनबन हो सकती है। गुस्सा और तनाव भी होता हैं। यदि आप अपना बेडरूम कहीं और नहीं बना सकते तो बेडरूम की व्यवस्था दक्षिण-पश्चिम में करें तथा दक्षिण में सिर करके सोएं।

आग्नेय कोण में शयनकक्ष होने से फालतू खर्च बढ़ता है और पति-पत्नी के बीच बिना वजह कलह होती है। आग्नेय कोण में पति-पत्नी के बीच मनमुटाव होता है तथा समय केवल एक-दूसरे की बुराई खोजने में ही व्यतीत होता है।

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आग्नेय कोण में शयन करने पर क्रोध जब अपनी चरमावस्था पर होता है, तो संबंध विच्छेद का कारण भी बन जाता है। चाहें वह संबंध पति-पत्नी का हो, पिता-पुत्र का हो या साझेदार का हो।

पति-पत्नी में होती है नोक-झोंक, तो ऐसे करें दूर – pati-patnee mein hotee hai nok-jhonk, to aise karen door – वास्तु शास्त्र टिप्स – vastu shastra tips

 

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